*पहले हज या बच्चों की शादी*
🔴आज का सवाल नंबर 1060🔴
हज मुक़द्दम है या बच्चों की शादी..?
🔵जवाब🔵
अगर किसी के पास इतना माल हो के, वो हज कर सकता हो, लेकिन वो हज न करे, बल्कि वो रूपया अवलाद की शादी में लगा दे, बाद में मुफ़लिस [गरीब] हो जाये और तमाम उम्र मुफ़लिस रहे, तो ऐसे शख्स पर शुरू में माल होने की वजह से हज फ़र्ज़ समझा जायेगा, बिला हज किये मर जाये तो फ़र्ज़ हज छोड़ने की वजह से गुनेहगार होगा, आज कल रस्मो-रिवाज ने शादी के लिए जो पाबंदियां लाज़िम कर दी है, वो अक्सर ऐसी ही है जो के शरअन लाज़िम-ज़रूरी नहीं, बल्कि शरअन नाजाइज़ है, अगर मस्नून तरीके से शादी की जाये तो हज मौक़ूफ़ या बाद में करने की ज़रूरत पेश न आये.
📚फतावा दारुल उलूम-४/५१८
📚फतावा महमूदियाः३/१७८
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
📱💻
http://www.aajkasawal.page.tl
No comments:
Post a Comment