Friday, January 10, 2020

शर्त पर गाडी (व्हीकल) लेना

🏍 *शर्त  पर  गाडी  (व्हीकल) लेना*🛵

⭕आज  का  सवाल  नंबर   १९७०⭕

आज  कल  गाडी  की ज़रुरत  हो  तो  गाडी  की  कीमत  से  कम पैसा  देने ;पर  गाड़ी  मिलती  है,
मसलन  ३००००  रुपये  दो  तो ;५००००  या  ६००००  वाली  गाडी  इस्तेमाल  के  लिए  मिलती  है , 
जितने  महीने  इस्तेमाल  करनी  हो  इस्तिमाल  कर  के  वापस  देना  शर्त  होता  है .
जब  वापस  देने  जाना  हो  तो  अगर  गाड़ी  में  कुछ  खराबी  पैदा  हुई  है  तो  उसे  रिपेरिंग  करवा  कर उसी  हालात  पर  गाडी  वापस  देना  शर्त  होता  है.
शर्त  के  मुवाफ़िक़  गाडी  लौटाई जाये  तो  गाडी  वाला  उस  गाडी  की  दी  हुई  कीमत  मसलन  ३००००  पूरी  देता  है  वरना  रिपेरिंग  खर्च  काट  लेता  है  तो  इस  तरह  गाड़ी  खरीदना  जाइज़  है ?

अगर  जाइज़  ना  हो  तो  जाइज़  होने  की  सूरत  बताने  की  गुज़ारिश, क्यों  के  बहोत  से  लोग  ऐसा   कर  रहे  है. इसे  लोग  रहन  पर  गाड़ी  लेना  कहते  है.

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

वापस  करने  की  शर्त  के  साथ  गाडी  खरीदना  और  बेचना  जाइज़ नहीं.
कोई  चीज़  खरीदने  के  बाद  खरीदने  वाला  उसका  मालिक  बन  जाता  है, इसलिए  उस  पर  वापसी  की  शर्त  लगाने  से  मुआमला  फ़ासिद - ख़राब  और  ना जाइज़  हो  जाता  है.

दुसरी  खराबी  इस  में  ये  है  के  गाडी  पैसे  (कीमत) दी  है  वह  उधार  - क़र्ज़  के  हुकम  में  है, पैसे  उधर  देकर  गाड़ी  से  नफा  उठाना  सूद  कहलायेगा. जो  बड़ा  ही  सख्त  गुनाह  है.

इस  के  जवाज़  की  शक्ल  ये  है  के  वापस  करने  की शर्त  गाडी  देते  वक़्त  न  लगाई  जाये  बल्कि  जितनी  कीमत  देकर  गाड़ी  देनी  हो  उतनी  कीमत  लेकर  उसे  गाड़ी  बेच  दी  जाये. शरीअत  में  ज़बानी  बेच  देना  काफी  है. बेचने  को  लिख  कर देना  ज़रूरी  नहीं, बेचने  के  बाद  उस  से  वादह लिया जाये  के  गाडी  हम  को  ही  वापस  देना  तुम्हारी पूरी  कीमत  हम  तुम  को  गाड़ी  असली हालात ;पर  लौटाने की सूरत  में  वापस  कर  देंगे.
खरीदार  का  गाडी  वापस  करना  अख़लाक़ी  फ़रीज़ा कहलायेगा .

📗फतावा  महमूदिया  दाभेल १६  / २५८  बा हवाला 
📘 रद्दुल मुहतर  ५ /२७५ 

و اللہ اعلم

📝मुफ़्ती इमरान  इस्माइल  मेमन.
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

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شرط کے ساتھ گاڑی 🚙 خریدنا

*شرط کے ساتھ گاڑی 🚙 خریدنا*

⭕ آج کا سوال نمبر ١٩٧٠⭕

آجکل گاڑی کی ضرورت ہو تو گاڑی کی قیمت سے کم پیسا دینے پر گاڈی ملتی ہے... اسکی شکل یہ ہے 
.مثلا ۳۰۰۰۰ تیس ہزار روپے دیدو تو ۵۰،۰۰۰یا ۶۰۰۰۰ ہزار والی گاڑی استعمال کے لیے مل جاتی ہے اس شرط پر کے جتنے مہینے چاہو استعمال کرو واپس کرنی ہوگی اور ہمیں ہی دینی ہوگی 
نیز واپسی کے وقت گاڑی کو اسکی اصل حالت میں بغیر کسی نقصان کے دینی ہوگی اگر کچھ نقص ہو گیا ہو تو بنواکے دینی ہوگی 
اگر گاڑی اصل حالت پر واپس لوٹادی گئی تو ہماری دی ہوئ پوری رقم ہمیں واپس مل جائگی ورنہ کچھ کاٹ کر ملیگی
اس طرح گاڑی خریدنا جائز ہے؟ 

اگر جائز نہ ہو تو کوئ جواز کی شکل بن سکتی ہو تو بتلانے کی درخواست؟ 

🔵 جواب 🔵

حامدا و مصلیا و مسلما
 
... واپس کرنے کی شرط پر گاڑی خریدنا جائز نہیں ہے 
کوئی چیز خریدنے کے بعد خریدار اسکا مالک ہو جاتا ہے اسلئے اسپر واپسی کی شرط لگانا شریعت کی نظر ميں معاملے کو فاسد کر دیتا ہے 
...دوسری خرابی یہ ہے کہ مذکورہ شکل میں گاڑی والے کو جو رقم دی ہے وہ گویا ادھار کے حکم میں ہے اور پیسے ادھار دیکر عوض میں مقروض کی گاڑی سے فایدہ اٹھانا سود ہے جو بڑا ہی سخت گناہ ہے 

اس کے جواز کی شکل یہ ہے کہ واپس کرنے کی شرط گاڑی دیتے وقت نہ لگاے بلکہ جتنی قیمت لے رہے ہو وہ لیکر  گاڑی خریدار کو بیچ دے... کاغذات نہ بناے
بیچنے کے بعد اس سے وعدہ لےلیا جائے کہ گاڑی ہمکو ہی واپس دینا تمہاری پوری قیمت ہم تمکو مذکورہ بالا شرائط کے مطابق گاڑی لوٹانے پر دے دینگے 
اب خریدار کا گاڑی لوٹا دینا اخلاقی فریضہ رہیگا

📗 فتاوی محمودیہ ڈابھیل ۱۶/۲۵۸ بحوالہ 📗 ردالمختار ۷/۲۷۵

واللہ اعلم
✏عمران میمن  حنفی سورت گجرات

🏍SHART PAR GAADI (vehicle) LENA🚕

*🏍SHART PAR GAADI (vehicle) LENA🚕*

⭕AAJ KA SAWAL NO.1970⭕

Aaj kal gaadi ki zaroorat ho to gaadi ki qeemat se kam paisa dene par gadi milti hai,
masalan 30,000 rupiye do to 50,000 ya 60,000 wali gaadi istiamal ke liye milti hai, 
jitne maheene istiamal karni ho istiamal kar ke wapas dena shart hota hai.
jab wapas dene jana ho to agar gadi me kuchh kharabi paida hui hai to usey repering karwa kar usee halat par gaadi wapas dena shart hota hai.
shart ke muwafiq gaadi lotai jaye to gaadi wala us gaadi ki dee hui qeemat masalan 30,000 puri deta hai warna repering kharch kaat leta hai to is tarah gadi khareedna jaiz hai ?

agar jaiz na ho to jaiz hone ki surat batane ki guzarish, kyun ke bahot se log aesa kar rahe hai. ise log rahan par gadi lena kehte hai.

🔵JAWAB🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
wapas karne ki shart ke sath gaadi khareedna aur bechna jaiz nahi.
koi cheez khareedne ke baad khareedne wala uska malik ban jata hai, isliye us par wapsi ki shart lagane se muaamala fasid-kharab aur na jaiz ho jata hai.

dusree kharabi is me ye hai ke gaadi pese (qeemat) di hai woh udhaar -qarz ke hukam me hai, pese udhar dekar gadi se nafa uthana sood kahlayega. jo bada hee sakht gunah hai.

is ke jawaz ki shakal ye hai ke wapas karne ki shart gaadi dete waqt na lagai jaye balke jitni qeemat dekar gadi deni ho utni qeemat lekar use gadi bech dee jaye. shareeat me zabani bech dena kafi hai.bechne ko likh kar dena zarooree nahi, bechne ke baad us se wadah liya jaye ke gaadi ham ko hee wapas dena tumhari puri qeemat ham tum ko gadi asli halat par lotane ki soorat me wapas kar denge.
khareedar ka gaadi wapas karna akhlaqi fareezah kehlayega.

📗FATAWA MAHMOODIYA DABHEL 16 / 258 BA HAWALA
📘 RADDUL MUHTAR 5/275

و اللہ اعلم

✏IMRAN ISMAIL MEMON 
HANFI GUFIRA LAHOO
🕌USTAZE DARUL ULOOM RAMPURA SURAT GUJRAT INDIA

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AETIKAF KE MAKRUHAAT

*AETIKAF KE MAKRUHAAT* ⭕AAJ KA SAWAL NO.2101⭕ Aetikaaf kin cheezon se makrooh hota hai?  🔵JAWAB🔵 Aetikaf niche dee hui baton se makrooh ho...