*मस्जिद में जगह रोकना (रिज़र्व)*
🔴आज का सवाल नंबर १०८६🔴
मस्जिद या ईदगाह की पहली सफ में रुमाल से जगह रोकना कैसा है ? अगर जगह रोक कर दुकान पर या घर पर चला जाए तो क्या हुक्म है ?
ब.
कोई शख्स किसी और शख्स के लिए जगह रोक सकता है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
अ.
अगर कोई शख्स अपनी जगह पर आकर बेठ गया था फिर किसी फोरि ज़रुरत के लिए वहां से उठने की नौबत आयी जिस को पूरा करते ही लोट आएगा. मसलन थम्ब्स नाक साफ करने या वुज़ू इस्तिंजा करने जाये और कोई चीज़ रुमाल वगैरह रख कर जाये और अपनी इस ज़रुरत को पूरा कर के आ जाये तो उस जगह का वह मुस्तहिक़ है, किसी का उस जगह बेठ जाना बिलकुल मुनासिब नहीं.
अगर कोई शुरू ही से कपडा वगैरह रख दे और अपने कारोबार में मशगूल रहे और नमाज़ के वक़्त आकर अपनी जगह पर क़बजह जमाये ये बिलकुल ही न मुनासिब हरकत है, ऐसी हालत में दूसरे शख्स को तंगी की वजह से जगह मयस्सर न आये तो उस कपडे को हटाकर बैठना दुरुस्त है.
📗फतावा महमूदियाः ६/१९५ पुरानी
ब.
किसी के लिए किसी शख्स के लिए जगह रोकने का कोई हक़ नहीं. सब से पहले जो शख्स जिस जगह पर आकर बेठ जाये वह जगह उसी की है उस जगह से इस को उठाने का किसी को हक़ नहीं.
📗फतावा महमूदियाः १०/१५३
📗अहसनुल फतावा ६/४५७
📗मसाइले मसजिद सफा १८३ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
✏Mufti Imran Ismail Memon
🕌Ustaze daarul uloom Rampura surat, Gujarat, India.
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