*बाल कटवाने की जाइज़ और न जाइज़ सूरतें*
🔴आज का सवाल नंबर १०८७🔴
बाल कटवाने की जाइज़ और न जाइज़ सूरतें कोन कोन सी है ? और उस का क्या हुक्म है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
बाल रखने की बाल सूरतें ३ है.
१.पते (ज़ुलफेल) रखना.
२.हलक़ पुरे सर के बाल मुंड़वाना.
३.पुरे सर के बालों को बराबर रखना.
इन सब में अफ़ज़ल पहली सूरत है. फिर दूसरी सूरत का दरज़ाह है आखरी सूरत की सिर्फ गुंजाईश है.
बाल की न जाइज़ सूरत दो है.
१. क़ज़ा'अ यानि सर के बाज़ हिस्से के बाल मुंडवाना बाज़ के छोड़ देना या बाज़ ज़यादह तराशना-काटना बाज़ कम. ऐसे बालों को अंग्रेजी बाल भी कहते है.
२.ऐसे बाल रखना जो कुफ्फार यहूदी नसारा व फुज्जार (गैर मुस्लिम बददीन खुल्लम खुल्ला गुनाह करने वाले जैसे के हीरो का शिआर (उन की स्टाइल और फैशन) हो. ये दोनों सूरत मकरूहे तहरीमी है.
याद रहे मकरूहे तहरीमी और हराम दोनों में सिर्फ अक़ीदह के ऐतिबार से फ़र्क़ है वरना अमल के ऐतिबार से दोनों बराबर, दोनों गुनाहे कबीरा हैं, और दोनों पर अज़ाब बराबर है.
(आज हमारे मुआशरे में अक्सर नवजवान इन दोनों क़िस्मों के न जाइज़ बाल कटवाने में मुब्तला है, ऐसे बाल कटवाना ऐसा सख्त गुनाह है जो हर घडी हर लम्हा चौबीसो घंटे हमारे साथ चिंमता-चिपका रहता है, ये गुनाह कभी अलग नहीं होता, नमाज़ रोज़े में है तो भी गुनेहगार, सो रहा है तो भी गुनेहगार. और ज़यादा अफ़सोस उस वक़्त होता है जब लोग अपने न बालिग बच्चो के बाल जिस की कोई फरमाइश नहीं होती इस के बाल भी ऐसे ही कटवाते है, याद रहे अगरचे उन का नामा ए आमाल नहीं खुला है लेकिन माँ बाप को उन के ऐसे बाल कटवा कर गलत तरबियत और न जाइज़ शोख पैदा करवाने का गुनाह होगा.)
📘एहसनुल फतावा ७९ से ८६ का खुलासा म इज़ाफ़ा
و الله اعلم بالصواب
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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