*जमात की नमाज़ में बड़ों की सफ में बच्चों का हुकम*
🔴आज का सवाल न.१०८३🔴
बडों की सफ में बच्चों को खड़ा करना कैसा है?
कितने साल का बच्चा खड़ा हो सकता है और कितने साल का नहीं ?
बच्चा बालिग़ के साथ खड़ा हो तो उन पीछे नमाज़ पढ़ने वाले बालिग़ की नमाज़ मकरूह होगी ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
अगर बच्चे एक दो हो चाहे वो किसी भी उम्र के हो बा शर्ते के वो वुज़ू नमाज़ को जानता हो, या उन के अलग खड़ा करने में इस बात का अंदेशा हो के वह एक जगह हो कर शरारत करेंगे, और बड़ों की नमाज़ में खलल वाक़ेअ होगा (या इसी तरह ईद, हरम वगैरह में बच्चों की सफ अलग बनाने में बड़े मजमा में बच्चों का गुम हो जाने (खो जाने का) का खतराः वगैरह हो तो) बच्चों को बड़ों की सफ में खड़ा करने की गुंजाईश है.
इस के पीछे नमाज़ पढ़नेवाले बालिग मर्दों की नमाज़ में कोई कराहट-खराबी नहीं आती.
अगर बच्चे ज़यादा हो तो उन की मुस्तक़िल सफ बालिगों के पीछे बनानी चाहिए.
📘किताबुन नवाज़िल
७/१०२ से १०७ मअख़ूज़
📗किताबुल मसाइल. १\४०३
و الله اعلم بالصواب
✏Mufti Imran Ismail Memon
🕌Ustaze daarul uloom Rampura surat, Gujarat, India.
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