*इक़ामत कहाँ से दे*
⭕आज का सवाल नंबर ११४४⭕
नमाज़ की इक़ामत कहना क्या इमाम के बिलकुल पीछे ही से देना ज़रूरी है ? आज कल उस के लिए मुइज़्ज़िन या ट्रस्टी वहीँ हमेशा की जगा रोकने मुसल्ला बिछा देते है ऐसा करना सहीह है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
इक़ामत किसी भी सफ में से और कहीं से भी कह सकते है, उस को इमाम के बिलकुल पीछे या इमाम के दाएं या बाएं से ही से कहने के लिए इस तरह हमेशा के लिए मुसल्ला बिछा कर जगा तय कर देना सहीह नहीं.
📗किताबुल मसाइल से १/२६३ से माखूज़
📗बहवाला फतावा महमूदियाः ५/४६५
و الله اعلم بالصواب
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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