*पटाखे फोड़ने के नुक़सानात*
⭕आज का सवाल नंबर ११५३⭕
इस्लाम में पटाखे फोड़ना क्यों हराम है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
पटाखे फोड़ने में दसयों हराम काम वजूद में आते है और उस में सैकड़ों नुक़सानात है, जिस में से कुछ पेश किये जाते है.
*पटाखे फोड़ने के नुक़सानात*
१. कानो के पर्दें बार बार तेज़ आवाज़ से कमज़ोर हो जाते है
२. उस के धुवें से आँखें कमज़ोर होती है
३. बारूद वाली हवा और धुवा गले में जाती है जिस से गले और फेफड़ें को नुकसान होता हैः
४. अपने और दूसरों के जान माल को जोखम में डालना.
५. हाथ पैर मुंह जल जाने का खतराः.और जल जाने के हज़ारों वाक़ियात पेश आ चुके है.
६. रॉकेट से झोंपड़ों और घरो में आग लगना.
७. हवा का प्रदूषण-ख़राब होना
८. रास्तों में कचरे का होना
९. करोड़ों और लाखों रुपयों की फ़ुज़ूल खर्ची और पैसों की बर्बादी
१०. बूढ़े बीमार और ताज़ा पैदा शुदा बच्चें चौंक जाते हैः
११. पूरी रात पटाखे फूटने से उन को बहोत तकलीफ होती है और उन की नींद ख़राब होती है
१२. मेटेनरी हॉस्पिटल के क़रीब फूटे तो सुववदी-बच्चा जननेवाली माँ परेशान होती है, ताज़ा पैदा होने वाले बच्चे रोने लगते है इन को चुप करना मुश्किल हो जाता है
१३. दरख्त के क़रीब पटाखे फूटते है तो परिंदे बहरे हो जाते हैः
१४. परींदो के बच्चों का कलेजा फट जाता है और वह मौत के घाट उतर जाते है
१५. कागज़ जो इल्म हासिल करने का ज़रियाः उस को जला दिया जाता है और लिखे हुवे कागज़ों की बे अदबी होती है, क़ुरान के सफ़े भी बाज़ जगा पाए गए है.
१६. गैर क़ौम की मुशाबेहत और उन के साथ हश्र होना वगैरह वगैरह
📗इस्लाहुर रसूम सफ़ा १६ १८ इज़ाफ़े के साथ.
و الله اعلم بالصواب
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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