*एक फ़क़ीर को पूरा सदक़ह ए फ़ित्र दें*
⭕आज का सवाल नंबर १३८७⭕
अ.
एक सदक़ह ए फ़ित्र एक ही फ़क़ीर को देना ज़रूरी है या मुतअदद-कई फ़क़ीर को भी दे सकते है?
ब.
कई शख्सों का सदक़ह ए फ़ित्र एक ही फ़क़ीर को दे सकते है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
अ.
बेहतर ये है के एक आदमी का सदक़ह ए फ़ित्र एक ही मुस्तहिक़ फ़क़ीर को दिया जाए।
एक सदक़ह ए फ़ित्र मुतअदद फ़ुक़रा को तक़सीम कर के देना कम से कम मकरूहे तंज़ीही है, यानि मुनासिब नही।
ब.
काई लोगों पर वाज़िब होने वाला सदक़ह एफ़ित्र एक फ़क़ीर को देने में हरज नही।
📗शामी बेरुत ३/२८१
शामी ज़करिया ३/३३२
📕आलमगीरी १/१९३
📘बा हवाला
किताबुल मसाइल २/२०५
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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