*औरतों का नोकरी या तिजारत की जाइज़ और नाजायज़ सूरत*
⭕आज का सवाल नंबर १४००⭕
ओरतें स्कूल, दुकान, कम्पनी, सरकारी दफतर पर नोकरी या तिजारत परदे में रहकर कर सकती है या नहीं ? अगर नहीं कर सकती तो किन शर्तों के साथ कर सकती है ? क्यूँ के बाज़ मरतबाह कमाई की मजबूरी होती है।
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
ओरतों को नोकरी या तिजारत दो शरत के साथ जाइज़ है।
१. बेपर्दगी न करे, परदह और नक़ाब के एहतेमाम के साथ वहां आना जाना हो।
२. वहां का मरदों के साथ इख्तिलात-मेलजोल न हो, चाहे कोई भी जगा हो, सरकारी हो या प्राइवेट, मेलजोल यानि वहां ऊपर से नीचे तक स्टाफ़, ग्राहक,पढ़नेवाली,पढानेवाली सब औरतेँ हो,मर्दों के वाहन बिल्कुल दखल न हो।
अगर परदह के साथ भी मरदों से मेलजोल, बातचीत हो तो उस में फ़ितने और गुनाह के वुजूद में आने का अंदेशा है इसलिए जाइज़ नहि।
ओरत के लिए इस फ़ितने के दौर में एहतियात ईसी में है के बिला सख्त ज़रूरत के नोकरी न करे, बल्के घर पर ही सिलाई काम, मेहदी काम, जाइज़ तरीके से औरतों को मुज़य्यन-सजाने काम, ट्यूशन, पेकिंग वगैरह काम करे।
📘फतावा कासमियाह २३\५७५ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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