*रोज़े, नमाज़ पर और दीन की कोई बात पर जोक्स या हँसाने के लिए वीडियो या मेसेज बनाना*
⭕ आज का सवाल नंबर १३७७⭕
आज कल सोसियल मीडिया में लोगों को हँसाने के लिए रोज़े तरावीह पर जोक्स लिखे जा रहे है, और वीडियो बनाये जा रहे है, जिस का मक़सद लोगों को हसाना और साथ साथ में कुछ सीखना भी मक़सूद होता है, लिहाज़ा ऐसा करने का क्या हुक्म है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
अल्लाह के हुक्म और नबी सलल्लाहु अलैहि वसल्लम के तरीके, बल्कि दींन की किसी भी बात का मज़ाक़ उड़ाना, उस में ऐब निकलना, उस का इंकार करना या उसे हक़ीर-मामूली समझने से *मूअमिन काफिर हो जाता है,*
उस का कोई अच्छा मक़सद हो तो भी इमांन के जाते रहने का खतराः है,
लिहाज़ा ऐसे जोक्स वीडियो बनाने से और उस को आगे शेयर-भेजने से बहुत ही डरने की ज़रुरत है, *इमांन की हिफाज़त के लिए उस से बचना लाज़िम और ज़रूरी है.*
📗उम्दतुल फिक़ह ६९.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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