*औरत की आवाज़ सुनना*
⭕आज का सवाल नंबर १३९३⭕
१.
मर्दों के लिए औरतों की आवाज़ ख़बरें ऑडियो में सुनना कैसा है?
२.
औरत अगर बुर्का ओढ़ कर मरदों के सामने तक़रीर करे तो कैसा है?
३.
ऐसी औरत की तक़रीर सुनना कैसा है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
१.
ओरत की आवाज़ राजेह क़ौल के मुताबिक़ सतर है, मरदों को बिला सख्त ज़रूरत के औरतों की आवाज़ सुनना जाइज़ नहीं *ख़बरें सुनाने वाली औरत नर्म और पुर कशिश लबो लहजे में बोलती है, जो मरदों के दील को उस की तरफ माईल करनेवाली और शहवत को उभरनेवाली होती है।* ख़बरें सुनने के लिए मरदों की आवाज़ के ऑडिओ, रेडिओ और अख़बार मव्जूद है, लिहाज़ा औरतों की आवाज़ ऑडियो में सुनने की कोई ज़रुरत-मजबूरी नहीं लिहाज़ा औरत की आवाज़ वाला ऑडियो सुनना जाइज़ नहीं।
२.
औरतों का मरदों के साथ मस्जिद में जाकर नमाज़ पढ़ना भी हदीस में मना है, चाहे बुर्का ओढ़ कर जाये या बिला बुर्का ओढ़े, क्यूँ के इस में बहुत से फसादात और फ़िटनें है।
लिहाज़ा औरतों का मरदों के मजमा में जा कर तक़रीर करना भी (बिला सख्त ज़रूरत) के मना है।
३.
मरदों का ऐसे मजमा में शरीक होना और तक़रीर सुनना शर'अन दुरुस्त नहीं।
📕रद्दुल मुहतर १/४०६ सईद
📗फ़तवा महमूदियाः दाभेल १९/१९३ से १९७ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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