Sunday, June 10, 2018

ज़कात और सदक़ह ए फ़ित्र में फ़र्क़

*ज़कात और सदक़ह ए फ़ित्र में फ़र्क़*

⭕आज का सवाल नंबर १३८२⭕

कया ये बात सहीह के जिस पर ज़कात वाजिब नहीं उस पर सदक़तूल फ़ित्र वाजिब नहीं?

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

ये बात सहीह नहीं.
बाज़ लोग गलती से ये समझते हे के जिस पर ज़कात फ़र्ज़ नहीं उस पर सदक़तूल  फ़ित्र भी वाजिब नहीं।
हालांकि ज़कात और सदक़तूल  फ़ित्र के वुजुब में तीन फ़र्क़ है. जिस से मालूम होता है के बहोत से ऐसे लोग भी है जिन पर ज़कात वाजिब नहीं लेकिन सदक़तूल फ़ित्र वाजिब हैः

१. बहुत से लोगो पर ज़कात वाजिब नहीं होती, मगर सदक़तूल फ़ित्र वाजिब होता हे, क्यों के सदक़तूल फ़ित्र के निसाब पर साल पूरा होना ज़रूरी नहीं, बल्कि ईद की रात को निसाब जितने माल का मालिक हो गया तो भी सदक़ए फ़ित्र वाजिब है।

२. ज़कात के वाजिब होने के लिए माल का तिजारत-बेचने की निय्यत से खरीदा हुवा  होना ज़रूरी है, ज़रुरत से ज़ाईद ऐसा माल जो तिजारती नहीं उस पर ज़कात वाजिब नहीं, अल्बत्ताह सदक़ह फ़ित्र वाजिब है, सदक़ह फ़ित्र के वाजिब होने में ज़रुरत से ज़ाईद तमाम माल को शुमार करेंगे, अगरचे वह माल बेचने की निय्यत से न खरीदा हो.

३. ना बालिग पर ज़कात फ़र्ज़ नहीं, लेकिन सदक़ए फ़ित्र वाजिब है, वाली को चाहिए उस के माल से अदा करे, अगर अपने माल में से भी अदा करे तो अदा हो जाएगा, साहिबे निसाब बाप या वाली-ज़िम्मेदार पर अपनी तमाम ना बालिग अवलाद का सदक़ह ए फ़ित्र वाजिब है।

📗मसाइले ज़कात

و الله اعلم بالصواب

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
https://aajkasawal.page.tl/ROZA_RAMZAN.htm

http://www.aajkasawal.page.tl

http://www.aajkasawalhindi.page.tl

http://www.aajkasawalgujarati.page.tl

🔮Telegram channel🔮
Https://t.me/AajKaSawalJawab

No comments:

Post a Comment

AETIKAF KE MAKRUHAAT

*AETIKAF KE MAKRUHAAT* ⭕AAJ KA SAWAL NO.2101⭕ Aetikaaf kin cheezon se makrooh hota hai?  🔵JAWAB🔵 Aetikaf niche dee hui baton se makrooh ho...