Thursday, May 18, 2017

ज़कात के गैर मुस्तहिकीन

*ज़कात के गैर मुस्तहिकीन*

⭕ आज  का  सवाल  नंबर  १०१५ ⭕

ज़कात  किन  किन  लोगों  को  नहीं  दे  सकते?

🔵 जवाब 🔵

इन  लोगों  को  ज़कात  देना  जाइज़  नहीं.

१. अपने  बाप, दादा, दादी, परदादा, पर दादी.. ऊपर  तक

२. अपनी  माँ, नाना, नानी, पर  नाना , पर  नानी... ऊपर  तक 

३. अपने  हक़ीक़ी  लड़के, पोते, पोतियां, पर  पोते, पर  पोतियां.. निचे  तक

४. अपनी  हक़ीक़ी  लड़की, नवासे, नवासियां, पर नवासे, पर  नवासियां.. निचे  तक

५. शोहर  का  अपनी  बीवि को  ज़कात  देना  इसी तरह  बीवी  का  अपने  शोहर  को  ज़कात  देना  जाइज़ नहीं

६. ऐसी  तलाक़  शुदाह  औरत  जो  इद्दत  गुज़र  रही  हो  उस के  शोहर  का  उस  को  ज़कात  देना  न जाईज़  है

७. मालदार  साहिबे  निसाब  की  मुहताज  नाबालिग  अवलाद  को

८. जो औरत  बेवा  मालिके  निसाब  है उस  को  और  उस  के  न  बालिग  बच्चे  को

९. मद्रसह  के  उस्ताज़  को  और  मस्जिद  के  इमाम  को  ज़कात  के  रुपये  से  तन्खा  देना  न जाईज़ है 

१०. हुज़ूर  सलल्लाहु  अलैहि  वसल्लम  के  खानदान   वालों  को  ज़कात जो  के  हमारे  मालों  का  मेल  है  देना  जाइज़ नहीं  अगर  वह  गरीब  है  तो  ज़कात  के  अलावा  का  रूपया  दें

११. मालदार  मालिके  निसाब  को 

१२. ज़कात  का  रूपया  मस्जिद  की, मद्रसह  की, ख़ानक़ाह  की, मुसाफिर  खाने  की, यतीम  खाने  की , स्कूल  की , आम  रास्तों  की  तामीर  में, कुंवे, बोरिंग  और  नहरों  की  खुदाई  में  देना  जाइज़  नहीं.

१३. जकात   के  रुपये  से  कफ़न  खरीदना, क़बरसतान  की  ज़मीन  खरीदना  न जाइज़  है

१४. वह  तमाम  सूरतें  जिस  में  मुस्तहिक़  को  बिला  एवज़  बिला  शर्त  हमेशा  के  लिए  मालिक  बनाना   पाया  नहीं  जाता  वहां  ज़कात  देने  से  ज़कात अदा  न  होगी

📕मसाइल  ज़कात  (रफत) सफा  २८५,२८६  से  माखूज़  कई  उर्दू  फतवों  के  हवालों  के  साथ

واللہ اعلم

✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू

🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया

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