*किन क़र्ज़ों पर ज़कात नहीं*
⭕आज का सवाल नंबर १००९⭕
कौन कौन से क़र्ज़ों को ज़कात के निसाब से माइनस (बाद) किया जायेगा और कौन कौन से क़र्ज़ों को माइनस (बाद) नहीं किया जायेगा .?
🔵आज का जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
हर वह क़र्ज़ जिस का मुतालबा बन्दों की तरफ से हो उस को बाद किया जायेगा यानि इन क़र्ज़ों पर ज़कात वाजिब नहीं
जैसे
१. नक़द रुपये का क़र्ज़ा
२. खरीदे हुवे सामान का क़र्ज़ा
३. किसी से सामान-गाड़ी का नुकसान किया हो उस का जुरमाना -पेनल्टी.
४. किसी का जानी नुकसान किया या ज़ख़्मी किया हो उस का जुरमाना - पेनल्टी
५. गुज़िश्ता साल की ज़कात निकलना बाक़ी हो तो उस की रक़म.
६. बीवी ने खुला -शोहर को पैसे देने का वादा कर के तलाक़ ली हो उस का क़र्ज़ा
हर वह दैन (डेब्ट्स) जिसका का मुतालबा हुक़ूक़ुल्लाह की तरफ से हो उस को माइनस [बाद] नहीं किया जायेगा बल्कि उस की रक़म जमा की हो तो साल पूरा होने के वक़्त उस पर भी ज़कात वाजिब होगी जैसे.
१. क़सम, रोज़े तोड़ने के कफ़्फ़ारा की रक़म
२ .मन्नत -नज़र को पूरा करनी की रक़म
३. सदक़ह ए फ़ित्र अदा करना बाक़ी हो उस की रक़म
४. हज उमराह के लिए पैसे जमा किये हो उस का रूपया
५. आइन्दाह नया मकान, नयी दुकान लेना का इरादह हो उस की जमा की हुई रक़म
६. शादी करने या जहेज़ देने के लिए जमा की हुई रक़म
📗किताबुल मसाइल ३/१४६,१४७ से माखूज़
🌙16 शाबान 1438 हिजरी
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
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