*निकाह का आसान तरीक़ा*
⭕आज का सवाल नंबर ९९६⭕
निकाह का क्या तरीक़ा है जिस में कौन सी चीज़ फ़र्ज़ वाजिब है और कौन सी नहीं ?
🔵 आज का जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
निकाह नाम है दो आक़िल, बालिग कोई भी मर्द या एक मर्द, दो कोई भी औरत, इन गवाहों की मवजूदगी में मर्द औरत के इज़ाब व क़ुबूल करने का (याने औरत या उसका वकील भेजे हुवे से कहे के मैंने निकाह किया, या निकाह में दिया और मर्द कहे के मैंने क़ुबूल किया) जिस में कम से कम ३१ ग्राम चांदी की कीमत का महर वाजिब है. उस का भी निकाह के वक़्त देना ज़रूरी नहीं, बल्कि बेहतर है, वरना उधार भी रख सकते है.
जिस में क़ाज़ी का होना, ख़ुत्बे और वलीमे का होना, छुवारे तक़सीम करना सुन्नत है, फ़र्ज़ या वाजिब नहीं. हनफ़ियाह के नज़दीक निकाह इतना आसान है के कोई इस तरह निकाह कर ले तो जीना -बदकारी में मुब्तला होने की नौबत ही न आये.
📗इस्लामी शादी
📘मजमू ए क़वानीन ए इस्लाम से मअख़ूज़
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
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