*🎾क्रिकेट देखना केसा है ?📺*
⭕आज का सवाल नंबर . ९७१⭕
क्रिकेट देखना कैसा है ? इस में म्यूजिक, गाना वगैरा फिल्म की खराबियां नहीं होती है तो गुंजाईश है या नहीं ?
🔴आज का जवाब🔴
मव्जूदाह दौर में क्रिकेट एक ऐसा खेल बन गया है के आम तौर से इसमें शरीअत के खिलाफ काम पाए जाते हैं.
१. नमाज़ का क़ज़ा कर देना.
२. उस पर हार-जित (विन-लॉस्ट) और जुवे (गैंबलिंग) खेलना.
३. फ़ासिक़ों और गुनहगारों और गाफिल क़िस्म के लोगों का उसको इख़्तितार करना जिस की वजह से उन की सोहबत मिलना.
४. गफलत की हद ये हो चुकी है के दिन तो दिन रात को भी इसमे मशगूल रहना.
५. क्रिकेट के वक़्त नव जवान लड़कियों और औरतों का मैदान में जमा होना उनमे अक्सर आधी नंगी होती है उन को देखना.
६. रात दिन इसी धुन और फ़िक्र सवार हो जाना जिस की वजह दीनी या दुनयावी काम में दिल न लगना.
७. दुकान वाले का दुकान से, नोकरी वाले का नोकरी से गाफिल हो जाना, जिसकी वजह से देर से काम ड्यूटी अंजाम देना या ड्यूटी पर ही ना जाना.
८. स्टूडेंट और मदरसे के तलबा का अपनी पढाई में कोताही करना.
९. मस्जिद में आने के बाद वुज़ू करते हुवे और वुज़ू से फारिग होकर बहोत से शौक़ीन का जमातखाने में भी इसी के तज़किरों में मशगूल रहना.
१०. अगर रमजान में मैच हो तो तरावीह और तिलावत को क़ुर्बान कर देना.
११. हार -जित पर पटाखे, बम फोड़े जाते है जिस की वजह से माल जायेए होता है.
१२. ऊपर की ये हरकत क़ौमी फसाद का सबब हो कर मुसलमानो का जानी माली नुकसान होता है.
१३. हारने वालों की जितने वालों से या उस की ख़ुशी मनाने वालों से अदावत -अंदुरुनी दुश्मनी पैदा हो जाना.
१४. माँ -बाप, बीवी बच्चों और पड़ोसियों वगैरा के हुक़ूक़ में कोताही करना.
१५. बहोत सा कीमती वक़्त जो आख़िरत के इम्तिहान की तैयारी के लिए दिया गया था ज़िक्रो, तिलावत, दावत, दुआ के बजाये इस फ़ुज़ूल को देखने में जायेए कर देना.
१६. मैच के दरमियान में आने वाली मुख़्तलिफ़ एडवर्टाइज में म्यूजिक सुनना और बदनिगाही करना और फिल्म और नाटक देखने का शौक़ पैदा होना वगैरा नुक़सानात की वजह से क्रिकेट देखना जाइज़ नहीं.
📕फतावा रहीमियह क़दीम ७ /२७५ से २८०
📙फतावा दारुल उलूम क़दीम ८ /२८५
📘महमूदुल फतावा तफ्सीली दलीलें ३/१२१ से १४१ से माख़ूज़ इज़ाफ़ों के साथ.
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
http://www.aajkasawalhindi.page.tl
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