*शर्त पर गाडी (व्हीकल) लेना*
⭕आज का सवाल नंबर ९८३ ⭕
आज कल गाडी की ज़रुरत हो तो गाडी की क़ीमत से कम पैसा देने पर गाड़ी मिलती है,
मसलन ३०,००० रुपये दो तो ५०,००० या ६०,००० वाली गाडी इस्तेमाल के लिए मिलती है,
जितने महीने इस्तेमाल करनी हो इस्तेमाल कर के वापस देना शर्त होता है.
जब वापस देने जाना हो तो अगर गाड़ी में कुछ खराबी पैदा हुई है तो उसे रिपेरिंग करवा कर उसी हालत पर गाडी वापस देना शर्त होता है.
शर्त के मुवाफ़िक़ गाडी लौटाई जाये तो गाडी वाला उस गाडी की दी हुई क़ीमत मसलन ३०,००० पूरी देता है वरना रिपेरिंग खर्च काट लेता है तो इस तरह गाड़ी खरीदना जाइज़ है ?
अगर जाइज़ ना हो तो जाइज़ होने की सूरत बताने की गुज़ारिश, क्यों के बहोत से लोग ऐसा कर रहे है. इसे लोग रहन पर गाड़ी लेना कहते है.
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
वापस करने की शर्त के साथ गाडी खरीदना और बेचना जाइज़ नहीं.
कोई चीज़ खरीदने के बाद खरीदने वाला उसका मालिक बन जाता है, इसलिए उस पर वापसी की शर्त लगाने से मुआमला फ़ासिद -ख़राब और ना जाइज़ हो जाता है.
दुसरी खराबी इस में ये है के गाडी पैसे (क़ीमत) दी है वह उधार -क़र्ज़ के हुकम में है, पैसे उधार देकर गाड़ी से नफा उठाना सूद कहलायेगा. जो बड़ा ही सख्त गुनाह है.
इस के जवाज़ की शकल ये है के वापस करने की शर्त गाडी देते वक़्त ना लगायी जाये बल्कि जितनी क़ीमत देकर गाड़ी देनी हो उतनी क़ीमत लेकर उसे गाड़ी बेच दी जाये. शरीअत में ज़बानी बेच देना काफी है. बेचने को लिख कर देना ज़रूरी नहीं, बेचने के बाद उस से वादह लिया जाये के गाडी हम को ही वापस देना तुम्हारी पूरी क़ीमत हम तुम को गाड़ी असली हालत पर लौटाने की सूरत में वापस कर देंगे.
खरीदार का गाडी वापस करना अख़लाक़ी फ़रीज़ा कहलायेगा.
📗फ़तावा महमूदिया दाभेल
१६ / २५८ बा हवाला
📘 रददुल मुख़्तार ५ /२७५
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
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