*शबे में'राज की हकीकत*
⭕आज का सवाल नंबर ९८८ ⭕
शबे में'राज की क्या फ़ज़ीलत है ?
उस में क्या इबादत करनी चाहिए ?
🔵 आज का जवाब
حامدا و مصلیا و مسلما
२७ रजब की शब् के बारे में ये मशहूर हो गया है के ये शब् -ए-में'राज है और इस शब् को भी उसी तरह गुज़ारना चाहिए जिस तरह शब् ए क़द्र गुज़ारी जाती है और जो फ़ज़ीलत शब् ए क़द्र की है, कम ओ बेश शब् ए में'राज की वही फ़ज़ीलत समझी जाती है, बल्कि मैंने तो एक जगह ये लिखा हुआ देखा के शबे में'राज की फ़ज़ीलत शबे क़द्र से भी ज़यादा है.
और फिर उस रात में लोगो का नमाज़ों के भी ख़ास ख़ास तरीके मशहूर कर दिए के उस रात में इतनी रकअतें पढ़ी जाएँ और हर रकअत में फुलां फुलां ख़ास सूरतें पढ़ी जाये. खुदा जाने क्या क्या तफ्सीलात इस नमाज़ के बारे में लोगों में मशहूर हो गयी. खूब समझ लीजिए, ये सब बे असल बातें हैं, शरीअत में इनकी कोई असल और कोई बुन्याद नहीं.
*शब्-ए-में'राज की ता’ईन में इख़्तेलाफ़*
सब से पहली बात तो ये है के २७ रजब के बारे में यक़ीनी तौर पर नहीं कहा जा सकता के ये वही रात है जिसमे नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम में'राज पर तशरीफ़ ले गए थे, क्यों के इस बाब में मुख्तलिफ रिवायतें हैं. बाज़ रिवायतों से मालूम होता है के आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम रबी उल अव्वल में तशरीफ़ ले गए थे, बा'अज़ रिवायतों में रजब का ज़िक्र है और बा'ज़ रिवायतों में कोई और महीना बयान किया गया है. इस लिए पूरे यक़ीन के साथ नहीं कहा का सकता के कौनसी रात सहीह में में'राज की रात थी, जिसमे हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम में'राज तशरीफ़ लगाए.
*वाक़िआ ए में'राज की तारिख क्यों मेहफ़ूज़ नहीं ?*
इस से आप खुद अंदाज़ा कर लें के अगर शब् ए में'राज भी शब् ए क़द्र की तरह कोई मख़सूस रात होती और उसके बारे में कोई ख़ास अहकाम होते जिस तरह शब् ए क़द्र के बारे में है तो उस तारिख और महीना मेहफ़ूज़ रखने का एहतमाम किया जाता. लेकिन चूंकि इस तारिख को महफूज़ रखने का एहतेमाम नहीं किया गया तो अब यक़ीनी तौर से २७ रजब को शब् ए में'राज क़रार देना दुरुस्त नहीं.
*बाक़ी कल इंशा अल्लाह*
📗शैखुल इस्लाम हज़रात मुफ़्ती तक़ी उस्मानी डा.ब. के इस्लाही ख़ुत्बात के बयान का खुलासा
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
http://www.aajkasawalhindi.page.tl
No comments:
Post a Comment