Monday, February 19, 2018

बाप की मरज़ी बगैर जमात में जाना

*बाप की मरज़ी बगैर जमात में जाना*

⭕आज का सवाल न.१२७०⭕

ज़ैद ने तब्लीगी जमात में जाने के लिए ४ महीने लिखवा दिए है. ज़ैद के बाप को मालूम होने पर ज़ैद को जमात में जाने से मना किया के मेरे ऊपर खर्च बोज पड़ेगा, और ज़ैद कुछ रक़म अपने माँ बाप को माहना देता है, जब वह जमात में जायेगा तो वह रक़म बाप को नहीं मिलेगी, ज़ैद ये कहता है के मेने वादह कर लिया है, मुझे झूठा होना पड़ेगा. दूसरे ये भी कहता है के तब्लीगी जमात में जाना फ़र्ज़ ऍन है, लिहाज़ा माँ बाप की मर्ज़ी के बगैर भी जा सकते है ???

🔵जवाब🔵

حامدا و مصلیا و مسلما

तब्लीगी जमात में जाना फर्ज़े ऍन नहीं, अल्बत्ताह दीन सीखना फर्ज़े ऍन है, चाहे मद्रसह में दाखिल होकर हो या मद्रसह से बहार पढ़कर हो, या अहले इल्म या अहले दीन की खिदमत में जाकर हो, चाहे तब्लीगी जमात में जाकर हो, बीला कवि उजर वादा खिलाफी करना गुनाह है, जहाँ तक हो सके वादा पूरा करना चाहिए. जिस वादे के लिए वक़्त मुक़र्रर-तय नहीं किया उस को पूरा करने में कुछ ताख़ीर हो जाये तो वादा खिलाफी और झूट नहीं.

📗हक़ीक़ते तब्लीग सफा ८८.

و الله اعلم بالصواب

✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन

🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.

📲💻
http://www.aajkasawal.page.tl

http://www.aajkasawalhindi.page.tl

http://www.aajkasawalgujarati.page.tl

गुज.हिंदी उर्दू पर्चों के लिए 
www.deeneemalumat.net

1 comment:

AETIKAF KE MAKRUHAAT

*AETIKAF KE MAKRUHAAT* ⭕AAJ KA SAWAL NO.2101⭕ Aetikaaf kin cheezon se makrooh hota hai?  🔵JAWAB🔵 Aetikaf niche dee hui baton se makrooh ho...