*तब्लीग अफ़ज़ल या तालीम*
⭕आज का सवाल न.१२६६⭕
क्या तब्लीग काम तालीमे इल्मे दीन (नाज़राह क़ुरआन ही क्यों न हो) से क्या अफ़ज़ल है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
ये ख्याल उसूले तब्लीग के भी खिलाफ है, यानि इल्म छोड़ कर तब्लीग में जाना गलत है, अल्बत्ताह छुट्टी और फारिग अवक़ात में जाना बेहतर है, हाँ किसी उस्ताज़ को मुज़ाहदा की मश्क़ के लिए या किसी और मस्लिहत की वजह से कभी तब्लीग के लिए भेजा जाये, इस तरह के उस के मुताल्लिक़ तालीम में भी हरज-नुकसान न हो तो दूसरी बात है.
📗हकीकत तब्लीग सफा ७१
हज़.फकीहुल उम्मत मुफ़्ती महमूद हसन गंगोही रहमतुल्लाह अलैहे के इफ़ादात
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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