*हुक़ूक़ जाये'अ कर के जमात में जाना*
⭕आज का सवाल न.१२७२⭕
क्या मा-बाप और बीवी-बच्चों को नाराज़ कर के जमात में जा सकते है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
हुक़ूक़े वाजिब को तलफ-बर्बाद कर के तब्लीग में जाने की इजाज़त नहीं. बीवी बच्चों और माँ बाप का नफ़्क़ाह-खर्चा भी अगर उस के ज़िम्मे लाज़िम हो तो उस का इंतिज़ाम करना वाजिब है, उस को छोड़ देगा तो गुनेहगार होगा, इसी तरह माँ बाप अगर ज़ईफ़ या बीमार हो या जिस्मानी खिदमत के मुहताज हो तो उन की जिस्मानी खिदमत भी लाज़िम है, उस को छोड़ कर भी तब्लीगी जमात में जाने की इजाज़त नहीं.
अगर हुक़ूक़े वाजिब का भी इंतिज़ाम हो और जिस्मानी खिदमत की उन को हाजत न हो तो फिर उन को खुद ही मना करने का हक़ नहीं मना करने पर भी तब्लीग में चला गया तो गुनेहगार नहीं होगा.
📗हक़ीक़ते तब्लीग सफा ८९
हज़रत फकीहुल हिन्द मुफ़्ती महमूद हसन गंगोही रहमतुल्लाह अलैहे के इफ़ादात
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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