*चंद लाख रुपये देकर फिक्स नफ़ा लेना*
⭕आज का सवाल नंबर १४०८⭕
आज कल ये आम बात है के एक आदमी केहता है के तुम मेरे कारोबार में मसलन एक लाख रुपये रोको- इन्वेस्ट करो, में तुम को हर महीने कभी ५००० पांच हज़ार नफ़ा, कभी ४ हज़ार नफ़ा, कभी ३००० नफ़ा दुँगा। तो क्या इस तरह नफ़ा लेना जाइज़ है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
किसी करोबार में इस तरह पैसे देना के तुम तिजारत करो नफ़े में हम दोनों शरीक होंगे, शरीअत की इस्तिलाह-खास ज़ुबान में इस को मुज़ारबत कहते है ।
मुज़ारबत दुरुस्त होने के चंद शराइत है। उस में से एक शरत ये भी है के मुनाफ़े में दोनों के हिस्से मुतय्यन हो और वह भी इस तरह के ये नफ़ा सारे हिस्से में फेला हुवा। हो मसलन आधा, एक तिहाई-, पाव वगैरह टके के हिसाब से हो।
अगार दोनों में से एक के लिए नफ़े की रक़म मुतय्यन-फिक्स कर दी तो मुज़ारबत फ़ासिद हो जाएगी।
पूछी हुई सुरत में भी बा ज़ाहिर नफ़ा फिक्स नहीं लग रहा है, लेकिन हकीकत में ये भी एक तरह का फिक्स नफ़ा ही है (क्यूँ के अंदाज़न अपने नफ़े का हिसाब किये बगैर दे रहा है) इस लिए ये अक़्द सहीह नहीं। बल्के अगर नफ़ा न हुवा फिर भी उस से रक़म ली गई तो ये सूद होगा। नुक़सान में भी शरीक होना ज़रूरी है। बहर हाल ये मुआमलाह की सुरत सहीह नही।
📕महमूदुल फ़तवा ४/५५८ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
📲💻
https://aajkasawal.page.tl/
http://www.aajkasawalhindi.page.tl
http://www.aajkasawalgujarati.page.tl
🔮Telegram channel🔮
Https://t.me/AajKaSawalJawab
No comments:
Post a Comment