*📈शिरकत इन्वेस्ट का नफ़ा फीसद (परसेंटेज) से लेना📈*
⭕आज का सवाल नंबर १४०२⭕
बाज़ कंपनी अपने कारोबार में इन्वेस्ट और शिरकत की दावत देती है, और केहती है के आप की रक़म पर हम १५% से २०% तक नफ़ा देंगे।
तो क्या ऐसा नफ़ा जो फिक्स नहीं है ले सकते है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
ये मुनाफ़ा अगर कारोबार के मजमूई-टोटली मुनाफ़े के बजाये लगाई हुई रक़म का १५% से २०% होता है तो ये भी एक तरह का फिक्स नफ़ा ही है जो सूद है। और उस का लेन देन जाइज़ नहीं।
जाइज़ सुरत सिर्फ ये है के जो शख्स जितनी रक़म लगाये वह कारोबार के नफ़े नुक़सान दोनों में शरीक हो। और कंपनी में इन्वेस्ट करने का नफ़ा कंपनी के पुरे इन्वेस्ट की जितनी फीसद-परसेन्ट रक़म उस ने लगायी है नफ़ा उतना ही फीसद-परसेन्ट वुसूल करे। यानि कंपनी जितना नफ़ा कमाये उस में से कोई एक मुतय्यन परसेन्ट की पाटनर्शिप तय कर के उतना परसेन्ट उस नफ़े में से वुसूल करे।
📗फ़तावा उस्मानी ३\४४ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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