*बगैर सामान के सिर्फ बिल बेचना*
⭕आज का सवाल नंबर १४२३⭕
ज़ैद ने ख़ालिद से दस हज़ार की रक़म का सामान ख़रीदा लेकिन खालिद ने किसी मस्लिहत की वजह से ज़ैद को सामान का बिल नहीं दिया, अब ज़ैद को सरकार में हिसाब पेश करने के लिए बिल की ज़रूरत पड़ी, तो ज़ैद ने बकर नामी ताजिर को जाकर कहा के मेने खालिद से माल खरीदा है मगर उस ने बिल नहीं दिया तो तुम मुझे बिल दे सकते हो ?
बकर ने कहा दुँगा मगर जितना रुपये का बिल बनावुंगा उस में सो पर ५ रुपये बिल के एवज़ में देणने होंगे।
*सवाल ये है के*
ज़ैद के लिए एवज़ देकर बिल लेना और बकर के लिए बगैर माल दिए सिर्फ बिल देने के एवज़ रक़म लेना दुरुस्त है या नहीं ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
*दुरूस्त नहीं, फ़रेब और धोका है।*
و الله اعلم بالصواب
📘महमूदुल फ़तवा ३/३२
*इस्लामी तारिख* : ८ ज़ील क़दह १४३९ हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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