*तीन तलाक़ एक साथ देने का हुक्म*
⭕आज का सवाल नंबर १४२१⭕
बाज़ लोग तीन (3) तलाक एक साथ देते हैं. एसे लोगों के बारे में ईस्लाम क्या कहता है ?
🔵 जवाब 🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
ऐसे लोगो के बारे में हदीसमें बडी नाराजगी के ईजहार कीया गया है. हजरत महमूद बिन लबिद फरमाते है के हुजूर (सल.) के सामने एक ऐसे सख्श का ज़िक्र सुना जिसने अपनी बीवी को तीन तलाक एक साथ दी थी.
हुजुर सलल्लाहु अलैहि वसल्लम सुन कर गुस्से में खड़े हो गये, और फ़रमाया क्या क़िताबुल्लाह - क़ुरान से खेल ओर मज़ाक कीया जा रहा है?
हालाके मैं तूममें मौजुद हूं.य
हां तक के एक सख्श खड़ा हुआ ओर उसने कहा, या रसूलुल्लाह! में उसे कत्ल कर दुं ?
इस हदीसमें एक सहाबीने एसे आदमी को कत्ल के काबील समजा, लेकिन हुजुर (सलल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने उसकी इज़ाजत तो नहीं दी. हुजुर صل اللہ علیہ وسلمजो सिर्फ शरीयत के खिलाफ ही कामों पर गुस्सा फरमाते थे, ओर गुस्सेमें खड़े हो जाना ओर इसको कुरान के साथ खिलवाड़ करार देना, अल्लाह ओर उसके रसुुल صل اللہ علیہ وسلم की सख्त नाराजगी की दलील ओर बहुत डरने की चीज है.
📘नसई किताबुत्त तलाक़
हजरत अनस फरमाते है की, हजरत उमर (रजी.) के पास कोई ऐसा सख्श लाया जाता जिसने अपनी बीवी को एक साथ तीन तलाक़ दी है, तो आप (रजी.) उसकी कमर पर कोड़े मारते थे.
📘फतहुल बारी 9/315.
हाफीज़ ने कहा इस हदीस की सनद सहीह है.
📗फिक्ही मकालत 3/187 से मअखुज़
अगर ईस्लामी हुकूमत हो तो बादशाह को ऐसे आदमी को कोडे़ लगाने वग़ैरह सजा देने की इजाज़त साबित होती है. तीन तलाक़ एक साथ मैं देना सख्त हराम ओर कबीरह गुनाह है. एक कबीरह गुनाह जहन्नम में ले जाने के लिए काफी है
नोट :- तीन तलाक एक साथ दी तो वाकिअ हो जाती है, हमारे मआशरे की ये बुराई दुर करना ये उलमा ए किराम का काम है, ये मसला कुरान से साबित है. अल्लाह ने कानून क़यामत तक के हालात को देख कर बनाया है, उसमे गलती नहीं हो सकती.
इन्सान का कानून हो तो उसमे गलती हो सकती है, इसलिए बदला जाता है.
अल्लाह के कानून मै गलती नहीं हो सकती, गलती करना ऐब है. और अल्लाह हर ऐब से पाक है.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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