*में हिन्दू हूँ कहना*
⭕आज का सवाल नंबर 1⃣3⃣0⃣0⃣⭕
उस शख्स के बारे में क्या हुक्म है जिस से कहा जाये के रमजान का महीना है क़ुरआन की तिलावत क्यों नहीं करता? तू मुस्लमान नहीं?
तो उस का जवाब ये दे के "हाँ में मुस्लमान नहीं बल्कि में हिन्दू या सिख हूँ"
क्या वह मुस्लमान रहता है ? और उस का निकाह बाक़ी रहता है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
ये कलिमह के "हाँ में मुस्लमान नहीं हूँ हिन्दू या सिख हूँ" कलमा ए कुफ्र है, अगर उस वही मतलब मुराद था जो अलफ़ाज़ से समझ में आ रहा है तो इंसान इन कलिमात कहने से काफिर हो जाता है, ऐसे आदमी को तौबह के बाद ईमान की तजदीद- दोबारा और निकाह की तजदीद-दोबारा लाज़िम है, और मक़सद कुछ और था तो लिखकर दोबारह सवाल करे, तज्दीदे ईमान व निकाह हर सूरत में कर लेनी चाहिए क्यों के ये बड़ा खतरनाक और सख्त जुम्लाह है,
अल्लाह हर मुसलमान को एसी बात कहने से महफूज़ रखे.
आमीन
📗फतावा उस्मानी १/८८.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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गुज.हिंदी उर्दू पर्चों के लिए
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1⃣3⃣0⃣0⃣ *आज का सवाल*
मुक़म्मल होने पर,
हज़रत मुफ़्ती इमरान साहब को बहोत बहोत मुबारकबाद, अल्लाह आप की मेहनत को क़ुबूल फरमाये और दारेन की नेमतों से नवाज़े, और मुफ़्ती साहब की बरकत से अल्लाह ताला मुझे (हिंदी करने वाले को भी) बख़्श दे,
आमीन
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