हौली की मुबारकबादी देने का हुक्म और जाइज़ शकल
⭕आज का सवाल नंबर १२८०⭕
हौली की मुबारकबादी देना जाइज़ नहीं तो मेरे हिन्दू भाइयों की कंपनी में जॉब करता हूँ तो उन को कैसे विश करूँ? उन को मुबारकबादी न दे तो उन को बुरा लगता है मुफ़्ती साहब कोई जाइज़ सूरत हो तो रहनुमाई फरमाने की दरखास्त.
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
मुबारकबादी देना न जाइज़ होने की दो वजह है, एक उन के तेहवार की ताज़ीम और दूसरे उन से मुशाबेहत.
लिहाज़ा दिल में इन की इस रस्म को बुरा समझते हुवे ऐसे जुमले से उन को मुबारकबादी दी जाये जिस से न उन के तेहवार की अज़मत हो न उन के जुमलों और रस्म से मुशाबेहत तो गुंजाईश मालूम होती है,
मसलन ये जुमला कहा जाये हौली के इस मौकिए पर आप को हर काम में सहीह रास्ता मिले. दिल में सहीह रस्ते से उन की हिदायत मुराद ली जाये. या होली का दिन आप के दोनों जहाँ की कामयाबी का ज़रिये बने हौली के मावक़ीअ पर ईश्वर आप के भविस्या- को रोशन-प्रकाशित करे. इंग्लिश में ये कह दे वगैरह दुआ के जुमले कह दिए जाये.
बेहतर यही है के ख़ामोशी बरती जाये और उन को बुरा लगने की फ़िक्र न की जाये जब हम शरीअत पर अमल करेंगे तो अल्लाह ताला उन को राज़ी कर देंगे अगरचे वक़्ती तौर पर वह नाराज़ हो जाये.
📗फतावा महमूदियाः १९/५६७
📗फतावा बज़्ज़ाज़ियाह ६/३३४ से मुसतंबत.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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