*३ तलाक़ और हलाल का सुबूत कुरान से*
⭕ *आज का सवाल नंबर:- १३०४*⭕
कुछ लोग कहते हैं के ३ तलाक़ और हलाला का सुबूत कुरान से नहीं है क्या ये बात सहीह है?
🔵 *जवाब*🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
यह बात बिलकुल गलत है, जो ऐसा कहते हैं वह आलिम नहीं होते बल्कि शरीअत से ना वाक़िफ़ होते हैं...
हस्बे ज़ैल आयत में मुलाहज़ा कीजिये
📗सूरह बक़रह आयत. २२९ में अल्लाह ता'ला फरमाते हैं
… الطلاق مرتان فامساک بمعروف او تسریح باحسان……
तलाक़ दो मर्तबा की है (दो मर्तबा तलाक़ देने के बाद दो इख़्तियार है) चाहे तो रुजूअ करले और बीवी को क़ायदे के मुताबिक़ रख ले और चाहे (रुजूअ न करे और इद्दत पूरी होने दे और इस तरह) अच्छे तरीके से उसको छोड़ दे.........
फिर आगे चार सतर (लाइन) के बाद मज़ीद तफ्सील है.....
..... فان طلقھا فلا تحل لہ من بعد حتی تنکح زوجا غیرہ فان طلقھا فلا جناح علیھما ان یتراجعا ان ظنا ان یقیما حدود اللہ.....
तरजमा का मतलब
फिर अगर (दो तलाक़ के बाद) बीवी को (तीसरी) भी दी हो तो फिर वह औरत (तीसरी तलाक़ के बाद उस शख्स के लिए हलाल (बीवी) नहीं रहेगी. जब तक वह उस (शोहर) के शिवा किसी दूसरे शख्स से (इद्दत के बाद) निकाह न कर ले (और जब तक सोहबत हम बिस्तारी से हुक़ूक़ ए ज़ौजियत अदा न करले) फिर अगर तलाक़ दे दूसरा शख्स (और उस की इद्दत गुज़र जाये) तो उन दोनों पर (पुराने शोहर और बीवी पर) उसमे कोई गुनाह नहीं, के आपस में एक दूसरे से निकाह कर के फिर मिल जाये. बशर्ते के दोनों को अपने अपने ऊपर भरोसा हो के आइन्डा अल्लाह के क़ानून को क़ाइम रखेंगे.
📘मा'रिफुल क़ुरआन १/५५१ सूरह ए बक़रह आयात २३०
✒तर्जमा हकीमुल उम्मत रहमतुल्लाह अलैह
*नोट*:- ऊपर की आयत के मुतलक़ कोई क़ैद नहीं है चाहे यह तीन तलाक़ एक साथ दी हो या अलग अलग
आयत दोनों क़िस्म की तलाक़ को शामिल है. तीन तलाक़ एक साथ नहीं होती ऐसी बात इस आयत में नहीं है.
📕आसान तफ़्सीर सफा ८९ से
माखूज़ हज. मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी दा ब
क़ुरान के मसाइल वाली आयत को अच्छी तरह समझने के लिए सिर्फ तर्जमा काफी नहीं है बल्कि हदीस शरीफ की रौशनी में इसका सहीह मतलब समझा जाता है. लिहाज़ा कल इंशा'अल्लाह इसके मुता'अल्लिक़ तलाक़ की हदीसे पेश की जाएगी
वाल्लाहु 'आलम.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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