*रंग उड़ाने के नुक़सानात*
⭕ आज का सवाल नंबर.१२८१⭕
धुलेटी में रंग उड़ाने का क्या हुक्म है? बच्चे भी बहुत खेलते है उस से बचने के लिए क्या करना चाहिए. ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
धुलेटी गैरों का तेहवार है उस में रंग उड़ाना गैरों की मुशाबेहत की वजह से जाइज़ नहीं, ये ईमान को बर्बाद करनेवाली चीज़ है, इस से खुद भी बचना चाहिए और अपनी अवलाद को भी बचाना चाहिए, उस से बचने के लिए उस के नुक़सानात से लोगों को आगाह करना चाहिए, उस के नुक़सानात हसबे जेल है.
१.रंग आँखों में जाने की वजह से बिनाई -देखने की क़ुव्वत जाने का या उस की रौशनी कम हो जाने का खतरा है, कई अफ़राद को आँखों का नुकसान हर साल होता है.
२. नाक में जाकर फेफड़े में इन्फेक्सशन होने का अंदेशा है.
३.रंग कान में जाता है तो सुनने की क़ुव्वत पर भी असर पड़ता है.
४.रंग और उस का केमिकल चमड़ी पर लगने की वजह से चमड़ी की बीमारियां पैदा होती है.
५.पानी जैसी क़ीमती नेअमत जाये और बर्बाद होती है, अल्लाह को एक एक क़तरे का हिसाब देना होगा.
७.कलर फुग्गे पिचकारी रंग के -साधन खरीदने में पैसों को फ़ुज़ूल खर्च करना. अल्लाह क़यामत में ये भी पूछेगा माल कहाँ खर्च किया? उस वक़्त किया जवाब देंगे.
८.पक्के रंग की वजह से कपड़ों पर से रंग न निकलने की वजह से ख़राब होना
९.घर और मोहल्ले की दिवार का रंग ख़राब हो जाना.
१०.मोहल्ले और गलियों की खीचड़ और गण्डकी का होना.
११.नयी नोट्स का रंग से रिजेक्ट हो जाना.
१२.पानी में बार बार भीगने की वजह से सर्दी बुखार हो जाना.
अल्लाह हर सख्स को इस से बचने की तोफीक फरमाए.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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