⭕आज का सवाल नंबर १३४६⭕
एक मुस्लमान भाई के पास मेरा क़र्ज़ा बाक़ी है, वह हालत में आ जाने की वजह से दे नहीं सकता है, वह ज़कात का मुस्तहिक़ है, तो क्या में वह क़र्ज़ा में उस से न मांगू, और उसे ज़कात में शुमार कर सकता हूँ ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
पूछी हुई सूरत में ज़कात अदा नहीं होगी, क्यों के ज़कात की अदायगी के लिए मालिक बनाना ज़रूरी है, वह यहां नहीं पाया गया.
लिहाज़ा ज़कात भी अदा हो जाये उसका तरीक़ह यह है के : मुस्तहिक़ ए ज़कात मक़रूज़ को वापस देने की शर्त किये बगैर रुपियों का क़ब्ज़ा देकर मालिक बनाया जाये.
फिर उसे दरखास्त की जाये के यह पैसा मुझे मेरे क़र्ज़े में चूका दो, अगर वह पुरे या जितने पैसे वापस दे देता है उतने की *क़र्ज़ह* अदा हो जाएगा
📗मसाइले ज़कात से माखूज़
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
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