*तरावीह में रुकूअ का इन्तिज़ार*
⭕आज का सवाल नम्बर १३६१⭕
तरावीह में जब हाफिज नियत बांधकर किरात करते है तो अक्सर नमाज़ी पीछे यही बैठे रहते है, या टहलते रहते है, और जैसे ही हाफिज रुकू में जाता हे लोग जल्दी जल्दी नियत बांधकर नमाज़ में शामिल हो जाते है इनका ये फैल (काम) केसा हे????
🔵जाववब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
तरावीह में एक बार पूरा क़ुरान मजीद सुनना ज़रूरी हे, और सुन्नते मोअककदा हे,
लोग इमाम के साथ शरीक नहीं होते उनसे उतना हिस्सा क़ुरआने मजीद का फौत हो जाता हे, इसलिए ये लोग न सिर्फ एक सवाब से महरूम रहते है बल्कि निहायत मकरूह काम करते है,
इनका ये काम क़ुरआने करीम से ऐराज-मुंह मोड़ने के मुशाबेह हे, और ये सुस्ती का तरीकाः क़ुरआने करीम के मुताबिक़ मुनाफ़िक़ का तरीकाः है.
जब वह नमाज़ के लिए खड़े होते है तो सुस्ती से खड़े खोते है, लोगों को दिखावाः करते है, और अल्लाह का ज़िक्र थोड़ा ही करते है.
📘 सुरह ए निसा आयात न.१४२
📗 आपके मसाइल और उनका हल ३/ ६४
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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