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*मुहर्रम में शादी*
⭕आज का सवाल नंबर १४८४⭕
मुहर्रम के महीने में शादी करना, रुखसती कर के वलीमा करना, बच्चे की ख़तना करवाना, ख़ुशी का कोई काम करना जाइज़ है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
जाइज़ है,
शरीअत में उसकी मुमानिअत की कोई दलील नहीं,
बाकी वाक़िया ए शहादत का गम वह ऐसी चीज़ है जो इसी दिन हुवा, जिसको इस वाक़िये का गम हो वह हमेशा गम रखता है। और शरीअत में किसी के इन्तिक़ाल पर ३ दिन से ज़ाइद सोग मनाना जाइज़ नहीं रखा गया।
सिर्फ बीवी अपने शोहर के इन्तिक़ाल पर ४ महीने १० दिन इद्दत में सोग मना सकती है।
लिहाज़ा शादी और वलीमे वगैरह इस दिन में और तमाम आशरा ए मुहर्रम में बिला शुबा जाइज़ है।
📕इम्दादुल मुफ़्तिययिन जिल्द:१ स:९६
و الله اعلم بالصواب
🗓 *इस्लामी तारिख* : ३ मुहर्रमुल हराम१४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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