*होमो सेक्स के मज़ीद नुक़सानात*
⭕आज का सवाल नंबर १४९६⭕
होमो सेक्स सरकारी क़ानून के ऐतिबार से जाइज़ क़रार दिया है। इस में हॉस्टल के बच्चे और जिनकी शादी देर से होती है या जो लोग बीवी से दूर रेह्ते है वह लोग काफी तादाद में इस में मुब्तला है। इस के क्या क्या नुक़सानात है वह बताये ताके इस की बुराई और नफरत दिल में बेठ जाए।
कल ५ नुक़सान आप ने लिखे थे मज़ीद बताने की गुज़ारिश।
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
६। *चेहरा बे नूर हो जाना*
समुनि-गे आदमी के चेहरे की रोनक ख़त्म हो जाती है, आँखों के गिरद-आजू बाजु काळा हलके और जवानी में ही चेहरे पर झुर्रियाँ-करचली पड जाती है।
७। *उज़व ए खास की ख़राबी*
शर्मगाह में टेढ़ापन और बाज़ अवक़ात फ़ोड़ा भी बन जाता है। अतिषक और सोजा-पेशाब और शर्मगाह में जलन जैसी तकलीफ देह बीमारी लग कर ज़िन्दगी बर्बाद हो जाती है।
८। *ला इलाज परेशानी*
समुनि-गे शख्स की रगबत और मीलन मरदों और लड़कों की तरफ होता है और रेहना सेहना भी उन के बिच होता है, औरतों से तो परदह कर के बच सकते है, उन से परदह नहीं होता है लिहाज़ा उस मीलन की वजह से दिल हर वक़्त बेचेन और हर जगा शहवानी खियाल आते रेह्ते है, हत्ता के मस्जिद में और नमाज़ जैसी इबादत में भी सजदह में लोगों की सुरीन-धगरी पर निग़ाह जम जाती है, और अल्लाह के घर में भी शर्मगाह में तनाव-पावर आ जाता है, जिस की वजह से शर्मिन्दगी बढ़ जाती है, सुकून बर्बाद हो जाता है।
९। *ला इलाज बीमारी*
समुनि-गे को एड्स जैसी जानलेवा बीमारी लग जाती है और ये बीमारी उस की बीवी और अवलाद में भी ट्रांस्फर हो जाती है।
१०। *ला इलाज नजासत*
समुनि के बारे में मुजाहिद और फ़ुजैल इब्ने अयाज़ का क़ौल सहीह सनद से मन्क़ूल है के गे आदमी आसमान और ज़मींन के हर क़तरे से ग़ुस्ल करे तो भी रूहानी तौर पर नापाक ही रहता है। अल्लम्ह आलिसि रहमतुल्लाही अलय्हि उस की वजह में हदीस बयाँन फ़रमाते है के उस शख्स को अल्लाह तआला नहीं देखेंगे जो अपनी बीवी के पीछे के रस्ते से सुहबत करे।
📗तिरमीज़ि
तो ऐसे मर्द को बा तरीक़े औला नही देखेंगे जो किसी मर्द से ये हरकत करे, उस का वुज़ू और गुसल भी इस गुनाह को नहीं धो सकेगा।
११। *बुरा खत्मा*
गे शख्स इस गुनाह से सच्ची तौबा न करे तो उसे मौत के वक़्त कलमा भी नसीब नहीं होगा, हुज़ूर सलल्लाहु अलय्हि वसल्लम का इरशाद है के, "जो औरत के साथ लवातात करे उस ने कुफ़्र किया"
📗तबरानी
समुनि शख्स के कुफ़्र पर खत्म होने के कई वाक़िआस्त किताबों में लिखे है।
📗हया और पाक दामनी सफा २६० से २६३ का खुलासा
अल्लाह पूरी उम्मत की उस से हिफाज़त फरमाये। आमीन।
و الله اعلم بالصواب
🌙🗓 *इस्लामी तारिख* : १५ मुहर्रमुल हराम १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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