*ज़म ज़म पीने का तरीकाः*
⭕आज का सवाल नंबर १४९८ ⭕
ज़म ज़म खड़े हो कर पीना चाहिए या बैठ कर ?
बहोत से हज़रात खड़े होकर पीने को सुन्नत कहते हैं सहीह तरीका क्या है?
🔵जवाब🔵
حامد و مصلیا و مسلما
हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रदी. फ़रमाते हैं के मेने नबी अलैहिस्सलाम को ज़मज़म का पानी पिलाया तो आपने खड़े होकर वह पिया।
📗सहीह बुखारी किताबुल आशरीबाह
इस हदीस की वजह से ब'आज़ उलमा का ख़याल यह है के ज़मज़म का पानी बैठ कर पीने के बजाये खड़े हो कर पीना बेहतर है।
ईसी वजह से मश्हूर है के दो पानी ऐसे हैं जो खड़े हो कर पीने चाहये।
१। वुज़ू का बचा हुआ पानी
ओर
२। ज़मज़म का पानी
लेकिन दूसरे उलमा यह फ़रमाते हैं के यह पानी भी बैठ कर ही पीना बेहतर है
ओर जहां तक हज़रत अब्दुल्लाह इब्ने अब्बास रदी. की हदीस का ताल्लुक है तो उसमें खड़े हो कर पीने की वजह यह थी के एक तरफ तो कुवा दुसरी तरफ लोगो का हुजूम (भीड़) और फिर कुवे की चारो तरफ कीचड और बैठने की जगह भी नहीं थी।
इस लीये आप ने खड़े होकर कर पी लिया लिहाज़ा खड़े होकर पीना जायज़ है।
इससे यह लाजिम नहीं आता के खड़े होकर कर पीना अफ़ज़ल है।
📗मअख़ूज़ अज़ इस्लाही ख़ुत्बात ५/२३७
*ब'आज़ लोग टोपी उतारकर क़िबलाह की तरफ रुख कर के पिते हैं के हुज़ूर सलल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने भी इसी तरह पिया था। तो उस का जवाब यह है के हुज़ूर सलल्लाहु अलय्हि वसल्लम ऐहराम की हालत में थे। ऐहराम में सर पर टोपी नहीं होती है। और वहाँ काबा नज़र आता था। लिहाज़ा गैर मुहरिम और जो काबा के पास न हो उसकी पाबन्दी करना और लोगों से करवाना मुनासिब नहीं।*
و الله اعلم بالصواب
🌙🗓 *इस्लामी तारिख* : १७ मुहर्रमुल हराम १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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