*आशूरह में खर्च में वुसअ'ट की रिवायात पर शुबाह का जवाब*
⭕आज का सवाल नंबर १४९०⭕
आशूरह के दिन अपने अहलो अयाल पर दस्तरख़्वान कुशादह करना चाहिए यह रिवायात मोअतबर है ?
कयूं के एक तरफ तो अच्छा खिलाने की तरग़ीब है, और दूसरी तरफ सहीह रिवायात से उस दिन रोज़ह रखना साबित है, तो रोज़ह में अच्छा खाना कैसे खिलायेंगे ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
इस रिवायात के अलफ़ाज़ यह है।
من وسع یوم عاشورہ فی نفقتہ علی عیالہ وسع اللہ سائر سنتہ"
जीस में आशूरह के दिन अपने अयाल (बीवी बच्चो पर खर्च में वुसअ'ट (कुछ ज़ियादह खर्च) किया अल्लाह पूरे साल उस पर वुसअ'ट करेगा)
ईस रिवायत में कहीं भी दस्तरख़्वान का या खाना खिलाने का ख़ास ज़िक्र नहीं है, बल्के नफ़्क़ा याने मुतलक़ खर्च का ज़िक्र है, नफ़्क़ा में बिवी बच्चों को नकद पैसे देना, खाना, पीना, कपडे, दवाई वगैरह ज़रूरी तमाम चीज़ें दाखील है, और इफ्तारी के लिए जितनी भी चीज़ ख़रीदेंगे उसका खर्च तो दिन ही में हो जायेगा और आशूरह मग़रिब बाद ही शुरु हो जाता है, तो रात को या सहरी में अच्छा खाना भी खिलाया जाये तो भी रोज़ह के साथ कोई तकराव न रहा।
लिहाज़ा जब रोज़ह रखने और वुसअ'ट करने में ततबीक़ (जोड़) मुमकिन है इसलिए तकराव को दलील बनाकर रिवायात को मवजुअ (मनघडत) केहना सहीह नहीं है।
अल्लामा अब्दीन शामी फरमाते है, हाफिज़ इब्ने हज़र और अल्लाम्ह सुयूती रहमतुल्लाही अलैहिमा ने इस रिवायत को साबित और सहीह क़रार दिया है।
हज़रत जाबीर रदियल्लाहु अन्हु और सुफ़यान इब्ने ऑयेना ने ५० साल, इब्ने हबीब अहद मलिकी ने, वगैरह बुज़ूरगों का इस दिन खर्च करने से पूरे साल की वुसअ'ट का सालो साल तजरबाह किया है।
📘अल्लामा सावी मालिकी ने अपने हाशिए शरहुस सगीर
मे चारों मज़हब के ईमामों का इस दिन अहलो अयाल पर खर्च करने को मुस्तहब होना नक़ल किया है।
و الله اعلم بالصواب
🗓 *इस्लामी तारिख* : १० मुहर्रमुल हराम १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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