*नियाज़ करने का जाइज़ तरीकाः*
⭕आज का सवाल नंबर.१२२६⭕
अ.
ग्यारवी की नियाज़ हम दिन और चीज़ मुक़र्रर करे बगैर करते है लेकिन नाम ग्यारहवीं की नियाज़ का ही रखते है तो ऐसा कर सकते हैं ?
ब.
नियाज़ का जाइज़ तरीकाः क्या है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
अ.
नाम वही रखने में अवाम के अक़ाइद बिगड़ने का खतराः है और ख़ास लोग रखे तो उन की वजह से अवाम के अक़ाइद बिगड़ने का अंदेशा है वरना ऐसे मुबाह-जाइज़ काम से कोन मना करेगा.
ब.
नियाज़ करने का जाइज़ तरीकाः यह है के नियाज़ दिन तारिख और चीज़ मुक़र्रर किये बगैर की जाये और खिलाने ही को ज़रूरी न समझा जाये बल्कि कच्चा गल्ला-अनाज कपडे नक़द (कॅश) पैसे वगैरह किसी भी चीज़ से इसाले सवाब कर सकते हैं, और उसमे सिर्फ गरीबों को दें मालदारों और घर वालों को न दें, न उसका एलान करे, न खाने की चीज़ सामने रख कर कुछ पढ़े, और पिराने पीर को महज़ इस निय्यत से इसाले सवाब करे के उन्होंने हमें दीन का सीधा रास्ता बताया के किताबों में लिख कर भी दिया, उनका हम पर एहसान है, न उनकी मदद मिलने की निय्यत करे न उसकी बरकत से माल अवलाद में बरकत होने की निय्यत करे, महज़ इसले सवाब के ज़रिये उनका दरजः बुलंद होने की निय्यत करे.
📗इम्दादुल फतावा ५/३०२.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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