*सब्सीडी -छुटवाली लॉन का हुक्म*
⭕आज का सवाल नंबर ९६५⭕
हुकूमत मशीन, ट्रक, टेम्पो वगैरह चीज़ें लोगों को कारोबार पर लगाने के लिए क़र्ज़ सब्सीडी के नाम से देती है यानि उस में २५% रक़म मुआफ़ कर देती है फिर बाकी रक़म १०% सूद के साथ हर महीने की क़िस्त -हफ्ते से वसूल करती है तो ये सब्सीडी वाली सरकारी लोने मुस्लमान को लेना कैसा है?
🔵 आज का जवाब🔵
.
حامدا و مصلیا و مسلما
जहाँ तक हमें मालूम हुवा है इस क़िस्म के पालन से हुकूमत का मक़सद बेरोज़गारों को रोज़गार मुहय्या करना और गरीब रिआया -पब्लिक को फाइदाह उठाने का मौक़ा देना होता है इसी लिए हुकूमत कुछ रक़म छूट भी देती है (जिसे सब्सीडी कहा जाता है) इस किसम की स्किम से हुकूमत का मक़सद सूद खोरी नहीं है इसलिए अगर कोई शख्स हिकमत से इस किसम की स्किम से क़र्ज़ ले और हुकूमत की तरफ से उसपर कुछ रक़म छूट मिले और बाकी रक़म हुकूमत सूद के साथ वसूल करे तो अगर वह सूद छूट (सब्सीडी) में मिली हुई रक़म से अदा हो जाता है अपने पास से ज़ाइद रक़म ना देना पड़ती हो तो इस तवील से यानि यूँ समझकर के हुकूमत ने बतौर तआवुन-मदद के जो रक़म दी थी उस शख्स ने उसी मदद वाली की रक़म में से कुछ रक़म वापस कर दी ” मज़्कूरह स्किम के ऐतेबार से क़र्ज़ लेने की गुंजाईश मालूम होती है और अगर सूद की रक़म छूट -सब्सीडी में मिली हुई रक़म से ज़्यादा देना पड़े तो फिर ये मुआमला सऊदी कहलायेगा और ना जाइज़ रहेगा.
📗फतावा राहिमियाह करांची ९ /२३३
📘निज़ामुल फतावा ३ /१३८
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
http://www.aajkasawalhindi.page.tl
No comments:
Post a Comment