*मुलाज़िम का असल कीमत से ज़यादह पैसा वसूल करना*
⭕आज का सवाल नंबर .९५६⭕
कंपनी बाज़ मुलाज़िम इस मक़सद के लिए रखती हैं के वह बाजार से सामान खरीद कर लाया करें इसी तरह बाज़ बढ़ी -सुथार वायरमैन, मिस्त्री वगैरा ठेकेदार -कारीगर जो किसी के यहाँ मज़दूरी -उजरत पर काम करते है वह सामान बाजार से कम कीमत में लेते है और कंपनी से या सेठ -मालिक से हिसाब से ज़यादह रक़म बताकर ज़यादह पैसे वसूल करते है ऐसा करना केसा है ?
🔵 आज का जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
मुलाज़िम, ठेकेदार -कारीगर की शरई हैसियत उस वकील की है जिस को अपने काम की तनखा या मज़दूरी मिलती है लिहाज़ा उन पर लाज़िम है के अपने मालिक -कंपनी के साथ अमानतदारी का मुआमलाह करें और सिर्फ असल कीमत वसूल करे. असल कीमत से ज़यादह वसूल करना नाजाइज़ और हराम है.
📘जदीद मुआमलात के शरई अहकाम १/२९०
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
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