*केरम बोर्ड खेलना*
⭕आज का सवाल नंबर ९६० ⭕
केरम बोर्ड खेलना कैसा है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
मुर्शिदी हज़रत मुफ़्ती अहमद खानपुरी साहब दामत बरकातुहूम फरमाते है :
केरम बोर्ड खेलने वालों का मक़सद अक्सर खेल तमाशा और टाइम पास ही होता है, ऐसी निय्यत से खेलना मकरूह (तहरीमी) है.
इस खेल को खेलने वाले अक्सर फ़राइज़ और वाजिबात की अदायगी में इस में मशगूली की वजह से कोताही करते है, बल्कि छोड़ते है, ऐसी सूरत में कराहट -मकरूह से बढ़ कर हराम होने का हुक्म लगेगा.
अलबत्ता अगर कोई शख्स हर वक़्त दिमागी काम में मशगूल रहता है तो अपने आप को चुस्त -फ्रेश रखने के लिए कुछ वक़्त के लिए ऐसे खेल इस तरह खेलता हो के उस में मशगूली की वजह से फ़राइज़, वाजिबात छूटते न हो या उस में कोताही वाक़ई न होती हो और खेल में हार-जीत की शर्त न लगाई जाती हो तो ऐसे शख्स के इन्फरादी हालात को मद्दे नज़र रखते हुवे गुंजाईश निकल सकती है.
📘महमूदुल फतावा गुजराती ३ /४६८ बहवाला
📗(किफायतुल मुफ़्ती ९ /१९९ ,२०० से माख़ूज़)
📄फतावा बिन्नौरिया ऑनलाइन सीरियल नंबर १०१३४
ऊपर की शराइत के साथ कभी कभी खेल ले तो गुंजाईश हो सकती है.
📕फतावा कास्मियाह २४ /३६३
واللہ اعلم
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन हनफ़ी गुफिर लहू
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा सूरत गुजरात इंडिया
http://www.aajkasawalhindi.page.tl
No comments:
Post a Comment