*गुंजाईश हो पर क़ुरबानी न करे*
🔴आज का सवाल न. १०३७🔴
क़ुरबानी न करने पर क्या वईद है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
हज़रत अबू हुरैरह رضی اللہ عنھا. से रिवायत हे के हुज़ूर ﷺ ने इरशाद फ़रमाया :
जिस के पास गुंजाईश हो (उस पर क़ुरबानी वाजिब हो) और उस के बावजूद वो क़ुरबानी न करे वह हमारी ईदगाह के क़रीब भी न आये.
(यानि उस से नफरत और नाराज़गी का इज़हार है, ईदगाह के अंदर तो क्या आने के लाइक होता ईदगाह के क़रीब भी न फटके ! उस का क्या मुंह है के ईद मानाने के लिए आये और अल्लाह के बन्दों की ख़ुशी में शरीक हो !)
📘बयहकी, मसाइले क़ुरबानी ३१
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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