*तक्बीरे तशरीक़ के मसाइल*
⭕आज का सवाल न १४६३⭕
1⃣ तक्बीरे तशरीक़ कब से कब तक केहनी है?
2⃣ किस पर वाज़िब है?
3⃣ तक्बीरे तशरीक़ भूल जाये तो क्या हुक्म है? कब तक पढ़ सकते है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
1⃣तकबीरे तशरीक़ ९ ज़ुल हिज्जः की फ़जर की नमाज़ से
लेकर १३ ज़ुल हिज्जः की असर तक हर फ़र्ज़ नमाज़ बाद फ़ौरन एक मर्तबा *५* दिन में कुल *२३* फ़र्ज़ नमाज़ बाद केहनी वाज़िब है
इस साल १४३९-२०१८ में मंगल की फ़जर से लेकर सनीचर की असर तक पढना वाज़िब है।
2⃣ मर्द हो या औरत, मुक़ीम हो मुसाफिर बा जमात नमाज़ पढे या तनहा चाहे मस्बूक हो (रकत छुटि हो) मर्द को बुलंद आवाज़ से और औरतों को आहिस्ता आवाज़ से पढनी चहिये।
3⃣ बातचीत न की हो और वुज़ू जानबूझ कर न तोडा हो तो जब भी याद आये पढ़ ले, अगरचे तसबीह और दुआ माँगने के बाद याद आये बल्के सिना क़िब्ले से फिर गया तो भी एहतियातन पढ़ ले।
हाँ मस्जिद से बाहर निकल गया या जानबूझ कर वुज़ू तोड़ दिया या बातचीत कर ली हो तो अब वुजूब साक़ित हो गया अब न कहे।
و الله اعلم بالصواب
📗किताबुल मसाइल ३/३३४ से ३३५
📘दर्रे मुख़्तार ३/६१,६३
*इस्लामी तारिख* : १४ ज़ुल हिज्जः १४३९ हिज्री
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
📲https://aajkasawal.page.tl/HAJ_QURBANI.htm
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