*/हस्तमैथुन के नुक्सानात*
⭕ आज का सवाल नं. ११८५ ⭕
आजकल अक्सर नौजवानो को मुश्तजनी/हस्तमैथुन इ आदत होती है, और औरते ऊँगली शर्मगाह मेँ डालकर मनी निकालती है, तो येह बताइये के इसके क्या क्या नुक्सानात है, ताकी इससे बचने की फिक्र पैदा हो..?
🔵 जवाब 🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
हाथ और ऊँगली से मनी निकालने के नुक्सानात हस्बे झैल/नीचे बताये जाते है.
१. *चहेरे पर असर*
ऐसे नौजवानो का चहेरा पीला, बेनूर हो जाता है, चहेरे से कुदरती चमक और नूर खत्म हो जाता है. गाल पिचक/बैठ जाते है, आँखो के गिर्द/आजु बाजू काले खड्डे पड़ जाते है. ऐसा इंसान खून की कमी की वजह से देखनेवाले को पहेली नजर मेँ मरीज मालूम होता है.
२. *मसल्स पर असर*
मसल्स कमजोर और तबियत मेँ बेसुकुनी आ जाती है, बेचैनी की वजह से कूव्वते बर्दाश्त मेँ कमी आ जाती है, जिस्म हर वक़्त थका थका महसूस होता है, ऐसे लोग हर वक़्त पड़े रहेने को पसँद करते है की काम करने को दील नहीँ चहता, इंसान सुस्त, कामचोर बन जाता है, गुस्सा बढ़ जाता है.
३ *दील पर असर*
चलने फिरने या काम करने से दिल की धड़कन तेज हो जाती है, नौजवान नीस्यान भूलने की बीमारी का मरीज हो जाता है. तलबा, स्टूडेंट की तालीम मेँ बहोत रुकावट आ जाती है. सबक मुश्किल से याद होता है, और जल्दी से भूल जाता है. ज़हनी काम करने को दिल नहीँ चाहता है, तलबा, स्टूडेंट को स्टडी/तालीम के अलावा हर चीज अच्छी लगती है.
४. *जिस्मानी कुव्वत पर असर*
वजन कम होते होते इंसान हड्डियों का ढाँचा नजर आता है, थोड़ासा काम करने से थकावट महसूस हो जाती है, जवानी मेँ बुढ़ापे की सी हालत हो जाती है. खून की कमी की वजह से काम के वक़्त हाथ पांव काँपते है. बैठते वक़्त, उठते वक़्त आँखो के सामने अँधेरा छा जाता है. हाजमा कमजोर हो कर रिह/हवा या कब्ज की बीमारी हो जाती है. पेशाब करने के बाद भी कतरे आते रहेते है.
५. *जिन्सी कुव्वत/सेक्स पावर पर असर*
सेक्स लाइन के ऐतबार से बहोत ही कमजोरी आ जाती है, सुरते इंजाल/जल्दी मनी निकल जाने की बीमारी लग जाती है. एहतलाम की कसरत हो जाती है. शर्मगाह मेँ टेढ़ापन आ जाता है. शहवत के वक़्त पूरी ताकत नहीँ होती, जिसकी वजह से बीवी के साथ हमबिस्तरी के काबिल नहीँ रहेता. जिल्लत और बेइज्जती के अलावा कुछ हाथ नहीँ आता वगैरह बहोत नुक्सानात है. तौबा इस्तिग़फ़ार और नदामत से येह गुनाह माफ हो जाता है. लिहाजा तौबा करके इस आदत को फौरन छोड़ देना चाहिये.
इस आदत को छोड़ने के लिये क्या करे, आइन्दा कल के मेसेज मेँ पेश किया जायेगा...
ان شاءالله تعالی
و الله اعلم بالصواب
📝 *मुफ्ती इमरान इस्माईल मेमन, हनफी, चीस्ती*
🕌 उस्तादे दारुल ऊलूम, रामपूरा, सूरत, गुजरात, भारत.
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Mujhe ye lat lag gae hai kaise chodhe hujur
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