जूते पहनकर नमाज़े जनाजा पढ़ना*
⭕ आज का सवाल नं. ११८३ ⭕
जनाजे की नमाज जुता, चंम्पल पहेनकर पढ़ना है या उतार कर..?
🔵 जवाब 🔵
حامد و مصلیا و مسلما
आजकल बाज लोग जनाजा की नमाज जूते, चंम्पल पहेने हुए पढ़ते है, उनके लिये जरूरी है के वोह जिस जगह खड़े हो वोह जगह और जूते, चंम्पल दोनो पाक हो वरना उनकी नमाज नहीँ होगी.
📗 बहीश्ती गौहर
और अगर जुता चंम्पल पैर से निकाल दिया जाये और उसपर खड़े हो तो सिर्फ जूते, चंम्पल के ऊपर का हिस्सा जो पैर से मिला हो उसका पाक होना जरूरी है, अगरचे तलीया नापाक हो. निझ इस सूरत मेँ वोह जमीन भी नापाक हो तो हर्ज नहीँ. लिहाजा जूता, चंम्पल निकालने की सूरत ऐहतियात वाली है.
📘 बहीश्ती गौहर, ईम्दादुल अहकाम.
📗 अहकामे मय्यत, सफा नं. ६२.
✏ हक का दायी अंसार अहमद
و الله اعلم بالصواب
📝 *मुफ्ती इमरान इस्माईल मेमन, हनफी, चीस्ती*
🕌 उस्तादे दारुल ऊलूम, रामपूरा, सूरत, गुजरात, भारत.
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