*इन शा अल्लाह लिखने का तरीका*
🔴आज का सवाल नंबर १५४५🔴
मुफ़्ती साहब, ये पूछना चाहता हु के *इन शा अल्लाह* लिखने का सहीह तरीका क्या हे?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
लिखने का सहीह तरीका तो *इन शा अल्लाह (إن شاء الله)* ही है,
मगर जो अजमी (गैर अरबी) लोग *इन्शा अल्लाह انشاء الله* लिखते है उनके पेशे नज़र भी *इन्शा अल्लाह* का माना *"अल्लाह को पैदा करना" नहीं होता।*
अगर हम इसी तरह इमला(लिखाई) की गलती से हर लफ्ज़ का गलत या दूसरा माना लेने लग जाये तो बात बहुत फेल जाएगी, और सेंकडो अलफ़ाज़ तक उस क़ायदे का डायरा फेल जाएगा।
इसलिए बेहतर यही है लोगो को उनकी आम और मानूस आदत पर छोड़ दिया जाए, क्यों के जब आदत पुख्ता हो जाती है तो उस्मे तबदीली बहुत मुश्किल हो जाती हे।
जो लोग इस तरह की मुहीम चला रहे है उसका अंजाम और नतीजा मुस्लमानो में हलचल और बेचैनी पैदा करना हे, ऐसे लोगो की बातो में न आवे। बलके फ़िक़ह की मशहूर किताब शामी में है :
الخطأ المشهور أولى من الصواب المهجور
मतलब ये के :
एक लफ्ज़ गलत है, मगर अवाम में रिवाज पड चूका है तो वो उसे से बेहतर है जो सहीह है, मगर लोग उसे छोड़ चुके हे।
(هذا ما ظهر عندى। والله أعلم بالصواب
🖋 मौलाना सैय्यद आज़म अली भोपाल
✅ तस्दीक़ मुफ़्ती फरीद साहब कावी
🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
०५ रबीउल अव्वल १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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