*एक शरीक (पार्टनर) का मेहनत न करना*
⭕आज का सवाल नंबर ११९४⭕
एक शरीक ज़ैद ने १५०००० एक लाख पचास हज़ार निकाले और दूसरे शरीक बकर ने एक लाख निकाले और दोनों ने तय किया के फुलां तिजारत करेंगे और नफा और नुकसान दोनों का आधा आधा, लेकिन ज़ैद ने कहा में मेहनत बिलकुल नहीं करूँगा, तो बगैर मेहनत के नफा लेना जाइज़ है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
शिरकत (पार्टनरशिप) की इस सूरत में ज़ैद शरीक का बगैर मेहनत के नफा लेना भी जाइज़ है इसे स्लीपिंग पार्टनर कहते है.
📗फतावा दारुल उलूम देवबंद
१३/४६ से माखूज़.
و الله اعلم بالصواب
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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