*क़ौम के गद्दारों से बायकाट*
⭕आज का सवाल नंबर ११९३⭕
अगर कोई शख्स ऐसा काम करे जिस की वजह से क़ौम को और दिन को नुकसान पहुंचेगा तो ऐसे शख्स से ताल्लुक़ात इस पर तोड़ना के पुरे शहर में उस से कोई बात न करे, न उस से कोई चीज़ खरीदे, न कोई चीज़ बेचे, न उस की ख़ुशी गमी में कोई शरीक हो, ऐसा करना जाइज़ है ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
अगर वाक़ई में वह कोई ऐसा काम करे जिस से क़ौम और दिन को नुक़सान पहुंचेगा, तो ऐसे शख्स को (पहले बा असर लोगों को बिच में दाल कर समझाया जाये फिर भी अपनी हरकत को न छोड़े तो ऐसे शख्स को) सबक़ सिखाने के लिए और दूसरों को इबरत हो इस निय्यत से पूछी हुई सूरत का बायकाट करना जाइज़ बल्कि पसन्दीदाह है, हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम और सहाबा ए किराम रदिअल्लाह अन्हुम से इस क़िस्म का बायकाट करना साबित है.
📗मारीफुल क़ुरआन से माखूज़ ४/४८२ सूरह तौबा आयत ११८ से माखूज़.
📕फतवा रहीमिय ६/२७० और
📘 एहसानुल फतवा ५/१९४ से माखूज
و الله اعلم بالصواب
*✅तस्दीक़*
हज़रत मुफ़्ती ताहिर सुरति बॉक्स वाले, शैखुल हदीस व सदर मुफ़्ती सूफी बाग़ सूरत.
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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