*नमाज़ की सुन्नतें पार्ट २*
⭕आज का सवाल नंबर ११२६⭕
सवाल नंबर ११२५ में नमाज़ की ५१ सुन्नतों में से २५ बताई थी उसके अलावह की सुन्नतें बताने की गुज़ारिश.
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
नमाज़ की ५१ सुन्नतें हैं जिनमे से २५ सवाल नंबर ११२५ में बताई गयी थी. उसके अलावह की हस्बे ज़ैल हैं.
(२६)सजदह में पहले घुटनो को रखना.
(२७) फिर दोनों हाथो को रखना.
(२८) फिर नाक का रखना.
(२९) फिर पेशानी का रखना.
(३०) दोनों हाथो के बिच में सजदह करना.
(३१) सजदह में पेट का रानो से अलग रखना.
(३२) पहलुओं का बाज़ुओं से अलग रखना.
(३३) कोहनियो को ज़मीन से अलग रखना
(३४) सजदह से उठने की तकबीर कहना.
(३५) सजदह से उठते वक़्त पहले पेशानी फिर नाक फिर हाथ का फिर घुटनो को उठाना.
(३६) दोनों सजदह के दरमियान में इत्मीनान से बैठना फिर दूसरा सजदह करना.
(३७) का’दाह में दायां (सीधा) पेर खड़ा रखना (इस तरह के उस की उंगलियों के सिरे क़िब्ले की तरफ रहे) बायां पेर को बिछा देना.
(३८) का’दाह में हाथो को रानो पर रखना.
(३९) का’दाह में अश’हदु अल्ला पर कलिमह की ऊँगली उठाना और इल्लल्लाह पर रख देना.
(४०) आखरी का’दाह में दुरूद शरीफ पढ़ना.
(४१) दुरूद शरीफ के बाद दुआ ए मासुराः पढ़ना.
(४२) दोनों तरफ सलाम फेरना.
(४३) पहले दाएं तरफ सलाम फेरना.
(४४) इमाम को सलाम के वक़्त मुक़्तदी-फिरिश्तो और नेक सालेह जिन्नात की निय्यत करना.
(४५) मुक़्तदी को इमाम और इन तमाम की निय्यत करना.
(४६) अकेले नमाज़ी को सिर्फ फिरिश्तो की निय्यत करना.
(४७) मुक़्तदी का इमाम के साथ में सलाम फेरना.
(४८) पहला सलाम इमाम को ज़रा सी बुलंदी से पढ़ना दूसरा सलाम ज़रा आहिस्तह से कहना.
(४९) मस्बूक (जिस की कोई रकअत छूट गयी हो) इमाम के फारिग होने का इन्तिज़ार करना.
(५०) रुकू में हाथ की उंगलियों को फैलाना और सजदह में हाथ की उंगलियों को मिला देना.
(५१) सजदह की हालत में दोनों पैरो को ज़मीन पर जमाये रखना.
📗 शामी-१/७४८
📒 आलमगिरी
📙 तालिमुल इस्लाम-३/८९
📘 मसाइले नमाज़-१२२
नोट:- ऊपर लिख्खी गयी ५१ सुन्नतों में से बा’ज सुन्नतों को बा’ज उलमा’ ने मुस्तहब लिख्खा है.
و الله اعلم بالصواب
✏मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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