*🏍लोन से गाड़ी लेने का तरीक़ह🚘*
⭕आज का सवाल नंबर . ९३३ ⭕
कंपनी से गाड़ी नक़द लें तो ६०००० और उधार बैंक के हफ्ते से लें तो ७२००० और बड़ी गाड़ी तो नक़द ले ही नहीं सकते क्यों के टेक्स वाले पकड़ करते है. इतने वाइट पैसे कहाँ से लाये लिहाज़ा मुफ़्ती साहब कोई आसान शक्ल बतलाने की गुज़ारिश. लोग सूद के गुनाह में मुब्तला हो रहे है
*गाड़ी नक़द ले तो*
*६०००० और उधार हफ्ते से बैंक के ज़रिये ले तो*
*७२००० इस तरह गाड़ी लेने का क्या हुक्म है ?*
🔵आज का जवाब🔵
गाड़ी खरीद की हस्बे ज़ैल तीन सूरतें हैं.
१. अगर डीलर या डीलर का फाइनेंसर गाड़ी बेचने वाला है. चाहे नक़द बेचे या उधार किस्तों - हफ़्तों पर. और सारा मुआमला डीलर या उस के फाइनेंसर्स ही से हो रहा है अंदर में बैंक का कोई दखल नहीं. तो उधर खरीदने के वक़्त उस की नक़द के मुक़ाबले कितनी ज़यादह कीमत देनी है और कितने महीनों में देनी है ये बात साफ़ कर दी जाये और हफ़्तों से पैसे या चेक डीलर ही को दिए जाये तो ये मुआमला जाइज़ है.
२. अगर बेचने वाला बैंक या फाइनेंसर हो और गाड़ी की चाबी और क़बजह भी उसी से लिया जाये और बैंक के नाम से चेक दिए जाये कंपनी का बिच में कोई वास्तह न हो तो ये सूरत भी जाइज़ है .
३. अगर बेचने वाला डीलर है और बैंक खरीदने वाले की तरफ से डीलर को अभी पूरी कीमत अदा कर देता है . और फिर आइन्दाह किस्तों - हफ़्तों की शक्ल में अपनी अदा की हुई रक़म कुछ ज़ाइद मिक़दार के साथ खरीदने वाले से वुसूल करता है, ये ज़ाइद मिक़दार सूद कहलाती है इसलिए शरीअत में ये मुआमला दुरुस्त नहीं .
📗(महमूदुल फतावा ३ /५० मुर्शिदी हज़रत अक़दस मुफ़्ती अहमद खानपुरी दा.ब. की)
و اللہ اعلم
📝मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन.
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
📱💻
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.islam.group
No comments:
Post a Comment