*फर्ज़े किफायह*
⭕आज का सवाल नंबर १५२६⭕
फर्ज़े किफ़ायह किसे कहते है?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
फर्ज़े किफ़ायह वो फ़र्ज़ है जिस का करना हर एक के ज़िम्मे ज़रूरी न हो, बल्के पूरी बस्ती में से किसी एक के अदा करने से भी पूरी बस्ती का ज़िम्मा ख़त्म हो जायेगा।
लेकिन सवाब उस फ़र्ज़ के करने वाले को ही मिलेगा।
अगर पूरी बस्ती में से किसी ने भी उस काम को नहीं किया तो पूरी बस्ती गुनेहगार होगी।
जैसे मैय्यत को ग़ुस्ल देना, जनाज़े की नमाज़ पढ़ना वगैरह .... .. .
📗उम्दतुल फ़िक़ह १/१२५ से माखूज़
و الله اعلم بالصواب
🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
१५ सफर उल मुज़फ्फर १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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