*अज़ान और इक़ामत का हुक्म*
⭕आज का सवाल नंबर १५११⭕
अज़ान और इक़ामत का क्या हुक्म है? कीन नमाज़ों में केहनी चाहिए? ?
🔵जवाब🔵
حامدا و مصلیا و مسلما
अज़ान और इक़ामत फ़र्ज़ नमाज़ के लिए सुन्नते मुअककददाह है, चाहे नमाज़ अदा पढ़ रहा हो या क़ज़ा, अकेला पढ़ रहा हो या जमात से, अल्बत्ताह जमात से क़ज़ा नमाज़ मस्जिद में पढ़ रहा हो तो अज़ान और इक़ामत न कहे, इस में अपने नमाज़ छोड़ने के गुनाह का इज़हार है,
हाँ अकेला क़ज़ा पढ़े तो इतनी आहिस्ता आवाज़ से कहे के सिर्फ खुद सुन ले।
📗मराकियूल फ़लाह बाबुल अज़ान
و الله اعلم بالصواب
🌙🗓 *इस्लामी तारीख़*
२ सफर १४४० हिजरी
✍🏻मुफ़्ती इमरान इस्माइल मेमन
🕌उस्ताज़े दारुल उलूम रामपुरा, सूरत, गुजरात, इंडिया.
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